हाईकोर्ट की अवमानना, 5 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी
मध्यप्रदेश के पांच आईएएस अधिकारियों को इंदौर हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करना भारी पड़ गया है। कोर्ट ने इन अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है। यह कार्रवाई एक कर्मचारी के वेतनमान से जुड़े मामले में की गई है, जिसमें अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी:
जानकारी के अनुसार, 12 अगस्त =को कर्मचारी के वेतनमान से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े पांच आईएएस अधिकारियों के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। जिन अधिकारियों के खिलाफ यह वारंट जारी किया गया है, उनमें आईएएस मोहम्मद सुलेमान, मनीष रस्तोगी, दिनेश श्रीवास्तव, विवेक पोरवाल, और आरसी पनीका शामिल हैं। अदालत ने इन सभी अधिकारियों को 9 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।
मामले की पृष्ठभूमि:
यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार के समय का है, जब संविदा कर्मचारियों को 100 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतनमान देने की पॉलिसी बनाई गई थी। इस पॉलिसी का लाभ अधिकांश कर्मचारियों को मिला, लेकिन कुछ कर्मचारियों को विभागीय लापरवाही के कारण इसका लाभ नहीं मिल पाया।
इंदौर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी पार्थन पिल्लई ने इस विषय में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। नवंबर 2023 में हाईकोर्ट ने पार्थन पिल्लई के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें भी बढ़ा हुआ वेतनमान देने का आदेश दिया था और इसके लिए 4 महीने का समय दिया गया था।
अवमानना याचिका और कोर्ट का निर्णय:
हालांकि, आदेश के बावजूद पिल्लई को वेतनमान नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने अप्रैल 2024 में कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर की। इस याचिका पर 12 अगस्त को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
अब 9 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई में इन सभी अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा गया है, जहां उनसे इस अवमानना के कारणों पर जवाब मांगा जाएगा।