शीघ्र होने वाला है राममंदिर का उद्घाटन, तिथि तय
देश के सभी राज्यों से विशेष ट्रेन अयोध्या के लिए चलाने की योजना
हरिद्वार। स्वामी गोविंद गिरी ने मंगलवार को कनखल में शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से मुलाकात के दौरान बताया कि राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख का चयन प्रधानमंत्री करेंगे, ताकि उद्घाटन के समय प्रधानमंत्री की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। साथ ही सभी संप्रदाय के साधु-संत और महात्माओं से उद्घाटन में उपस्थित रहने की प्रार्थना की जाएगी। मंदिर का निर्माण कार्य अच्छी गति से चल रहा है।
मंगलवार शाम को न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कनखल मठ पहुंचकर शंकराचार्य से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच धर्म और देश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि उद्घाटन के दिन के लिए निश्चित हुआ है कि मुख्य कार्यक्रम में केवल साधु संत महात्मा ही उपस्थित रहेंगे। मुख्य कार्यक्रम संक्षिप्त होगा। मंदिर में प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्र और विश्व के लिए औपचारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साधु संतों के दर्शन होने के बाद सभी लोगों के लिए मंदिर को खोल दिया जाएगा। न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी राज्यों से विशेष ट्रेन अयोध्या के लिए चलाने की योजना है।
न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के समय देश में अयोध्या का माहौल बने। इसके लिए प्रतिष्ठा से सात दिन पहले पूरे देश से आह्वान किया जाएगा कि लोग विभिन्न प्रकार से अभिनव प्रस्तुतीकरण करें। रामलीला, राम कथा के साथ अनेक प्रकार के उत्सव का आयोजन किया जाए। राम मंदिर उद्घाटन से सात दिन पहले और उद्घाटन के सात दिन बाद तक देश में राम मंदिर उद्घाटन जैसा ही माहौल बना रहेगा।
जगद् गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम ने कहा कि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान पागलपन है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य विक्षिप्त सत्ता लोलुपत राजनेता हैं। उनसे इस प्रकार के अनर्गल प्रलाप की अपेक्षा की जा सकती है । शंकराचार्य ने कहा कि जहां तक सनातन धर्म का सवाल है, बौद्ध धर्म भी सनातन का एक अंग है अखाड़ों में मणियां होती है। उनमें एक मणि बौद्ध भी है। मौर्य का बयान राजनीति से प्रेरित मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए दिया गया वक्तव्य है। ऐसे हास्यास्पद लोग सनातन धर्म पर प्रहार करते रहे हैं। लेकिन ऐसे लोगों का समाज में कोई संज्ञान नहीं है। न ही उनकी बात का कोई प्रभाव है। ऐसे बयान से मंदिरों की सत्ता पर, मंदिरों के ऐश्वर्य पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। शंकराचार्य ने अखिलेश यादव को सलाह दी कि मौर्य को धर्म का ज्ञान करवाएं।