भाजपा बताए कि गोपनीय बैठक के नाम पर किनके खिलाफ षड़यंत्र रचे जा रहे हैं? इतनी परदेदारी क्यों?’
*राजनीति में विश्वसनीयता के लिए पारदर्शिता आवश्यक है, भाजपा की नीति और नियत दोनों संदिग्ध
भारतीय जनता पार्टी के गोपनी एजेंडे और गुप्त बैठक पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सामान्य परिपाटी है कि कोई भी राजनीतिक दल तय एजेंडे पर बैठक करती है और बैठक के उपरांत मीडिया से चर्चा करते विस्तृत जानकारी दी जाती है। धमतरी के गंगरेल डैम स्थित रिसोर्ट में भारतीय जनता पार्टी की कथित गोपनीय बैठक हुई, प्रदेश के अनेक वरिष्ठ नेताओं को दूर करने की कोशिश किया गया। विश्वसनीयता के संकट, मुद्दों के दिवालियेपन और सक्रिय विपक्ष का धर्म निभाने में पूरी तरह से नाकामी से जूझ रहे छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी झूठ और भ्रम फैलाकर राजनीतिक जमीन तैयार करने लगातार षड्यंत्र में जुटी हुई है। आदिवासी आरक्षण पर रमन सरकार का असली चेहरा सामने आने के बाद ननकीराम कंवर, राम विचार नेताम और नंद कुमार साय की नाराजगी सर्वविदित है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भूपेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं, बढ़ती लोकप्रियता और तेजी से स्थापित होते छत्तीसगढ़ मॉडल से घबराई भाजपा हर तरह के परिवर्तन करके देख चुकी, अध्यक्ष बदले प्रभारी बदले नेता प्रतिपक्ष बदले, भाजयुमो अध्यक्ष बदले लेकिन हासिल कुछ नहीं। अब आरएसएस के आजमाए हुए नुस्खे “बांटने और काटने“ के असल एजेंडे को अमल करने के लिए बेचैन है। फर्जी धर्मांतरण के तथ्य हीन आरोप, कवर्धा मैं संवैधानिक पदों पर बैठे भाजपा नेताओं द्वारा बाहर से बुलाए गए भीड़ से उन्माद फैलाने का कुत्सित प्रयास सर्वविदित है। अंतागढ़ और झीरम के षडयंत्र भी सर्वविदित है। पालघर की घटना के ज्यादातर आरोपी भारतीय जनता पार्टी समर्थित निकले। उदयपुर की घटना में टेलर कन्हैया का हत्यारा मोहम्मद रियाज भी भाजपा पदाधिकारी निकला। अमरावती की घटना में हत्यारा इरफान खान के संबंध भाजपा नेताओं से रहे। अमरनाथ यात्रा में आतंकी हमले का आरोपी तालिब हुसैन के भाजपा नेताओं से संबंध भी सर्वविदित है। भाजपा बताए की हाल ही में छत्तीसगढ़ में 7 दिन के आरएसएस की बैठक के बाद अब राजनीतिक बैठक के नाम पर गुप्त बैठक का आशय, मंशा क्या है? इतनी परदेदारी क्यों?