लापरवाही: इंजन और बोगी के बीच दबकर इस रेल कर्मी की मौत, ड्राइवर और लोको पायलट फरार, अगले महीने होनी थी शादी

लापरवाही: इंजन और बोगी के बीच दबकर इस रेल कर्मी की मौत, ड्राइवर और लोको पायलट फरार, अगले महीने होनी थी शादी

बेगूसराय। बिहार के बरौनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर इंजन और बोगी के बीच कपलिंग काटने के क्रम में बिना सिग्नल के ही पीछे आई इंजन के कारण एक रेल कर्मी की मौत इंजन और बोगी के बीच दबकर हो गई. घंटों मशक्कत के बाद मृतक रेल कर्मी के शव को बाहर निकाला जा सका. इस घटना  से रेलकर्मियों में काफी आक्रोश है. रेल कर्मियों ने स्टाफ की कमी के कारण यह हादसा होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी है.मृतक कर्मी की पहचान बरौनी रेलवे कॉलोनी निवासी लगभग 40 वर्षीय अमर रावत के रूप में हुई है. मृतक का भाई शेखर कुमारा ने बताया कि हमें जानकारी मिली कि हमारा भाई इंजन और बोगी के बीच फंस गया है. मौके पर परिवार के साथ पहुंचे तो भाई मरा हुआ था. 11 दिसंबर को उसकी शादी होने वाली थी.बताया जा रहा है कि इंजन और बोगी के बीच तकरीबन दो घंटे तक रेल कर्मी का शव फंसा रहा. बाद में काफी मशक्कत के बाद फंसे हुए शव को रेल इंजन और बोगी के बीच से निकाला जा सका. "5204 बरौनी लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन स्टेशन पर आई. जिसके बाद अमर रावत द्वारा ट्रेन के इंजन को अनकपल किया गया. फिर इंजन तेल भरने के लिए आगे हुआ. जिसके बाद आदमी की कमी के कारण बिना सिग्नल दिए ही इंजन बैक हो गया, जिसके कारण बफर में अमर फंस गया और उसकी मौत हो गई.घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि 5204 डाउन बरौनी लखनऊ एक्सप्रेस के बरौनी स्टेशन पर पहुंचने पर ट्रेन को सेंटिंग के लिए ले जाने के क्रम में इंजन और रेल बोगी को अलग करने के दौरान कपलिंग काटने के दौरान यह हादसा हुआ है. बताया जा रहा है सेटिंग करवाने के दौरान चार कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, लेकिन रेल कर्मचारियों की कमी के कारण एक या दो कर्मचारी से सेटिंग का काम कराया जाता है. मृतक कर्मी की पहचान बरौनी रेलवे कॉलोनी निवासी लगभग 40 वर्षीय अमर रावत के रूप में हुई है.अमर रावत को अनुकंपा पर कुछ साल पहले नौकरी मिली थी. उसके पिता भी एक रेलकर्मी थे. अमर रावत पोटर के रूप में रेल में बहाल था, जिससे रेल इंजन के कपलिंग खोलने आदि का काम कराया जाता था. इसी क्रम में शनिवार को इंजन और बोगी के बीच कपलिंग खोलने के क्रम में इंजन को आगे बढ़ाने के बजाय ड्राइवर द्वारा इंजन को पीछे कर दिया गया. जिस कारण बोगी और इंजन के बीच दबने से रेलकर्मी की मौत हो गई.