जंगल में मिली थी युवक की लाश, पिता-पुत्र सहित 4 गिरफ्तार
जशपुर। करडेगा पुलिस चौकी के रंगाडीपा जंगल में मिले शव के मामले को सुलझाते हुए पुलिस ने मामले में पिता-पुत्र सहित 4 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।कुनकुरी के एसडीओपी विनोद मंडावी ने बताया कि 26 सितंबर को तपकरा थाना क्षेत्र के लोटापानी निवासी जीवन यादव ने अपने बेटे बजरंग यादव के गुम होने की शिकायत दर्ज कराने कुनकुरी थाना आए थे। इसी दौरान पुलिस को करडेगा चौकी क्षेत्र में एक लावारिस बाइक स्थानीय रहवासियों द्वारा लेकर चौकी आने की सूचना मिली। पुलिस अभी बाइक के संबंध में जानकारी जुटा ही रही थी कि गुम हुए युवक बजरंग यादव का शव रंगाडीपा जंगल में पड़े होने की सूचना मिली। मामले कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अज्ञात आरोपित के विरूद्व हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू की।एसपी शशि मोहन सिंह ने मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित किया। इस टीम के पूछताछ में मृतक के मयूरचूंदी गांव में लगातार देखे जाने की बात सामने आई। इस आधार पर जांच करने पर घटना दिनांक को मृतक का संदीप यादव से विवाद होने की पुख्ता जानकारी मिली। संदेह के आधार पर पुलिस ने संदीप यादव से पूछताछ की तो उसने अपने पिता और दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर बजरंग यादव की हत्या करने की बात स्वीकार कर लिया। पुलिस के अनुसार 26 सितंबर को आरोपित संदीप यादव ने अपने पिता ईश्वर यादव को फोन कर बताया कि बजरंग यादव काफी देर से उनके घर की खिड़की के पास खड़ा हुआ है। फोन पर जब ईश्वर यादव टार्च लेकर घर से बाहर निकले तो मृतक घर के बाहर खड़ा हुआ था।ईश्वर ने बजरंग को पकड़ने के लिए दौड़ाया तो वह घर के पीछे की ओर भागा। पुलिस का दावा है कि बजरंग को पकड़ने के लिए ईश्वर बजरंग के पीछे दौड़ा। इसी दौरान गांव में जीतिया त्यौहार मनाकर वापस लौट रहे उग्रसेन और संदीप यादव भी ईश्वर को मिले। तीनो ने मिल कर बजरंग का पीछा करने लगे। ढूंढ़ते हुए आरोपित नाला के पास पहुंचे तो उन्हें बजरंग फिसल कर गिरे हुए हालत में मिला।तीनों ने मिल कर डंडे से उसकी पिटाई की और गला घोंट कर हत्या करने के बाद शव को रंगाडीपा के जंगल में ले जाकर फेंक दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपितों ने मृतक की बाइक को अपने ही एक साथी बिरजू यादव के माध्यम से करडेगा चौकी पहुंचा दिया। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपित ईश्वर यादव, संदीप यादव, उग्रसेन यादव और बिरजू कुमार यादवके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 103,238 (क) के अंर्तगत अपराध पंजीबद्ध करते हुए गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।