भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला : EOW ने 3 पटवारियों को गिरफ्तार किया
छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत भूमि मुआवजा राशि में हुए बड़े घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने आज बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने तीन पटवारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला पटवारी भी शामिल हैं।
क्या है मामला
भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान मुआवजा वितरण में भारी अनियमितताएं सामने आई थीं। ईओडब्ल्यू में दर्ज अपराध क्रमांक 30/2025 के तहत धारा 7C, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और धारा 409, 467, 468, 471, 420, 120B भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोप है कि वर्ष 2020 से 2024 के बीच संबंधित पटवारियों ने निजी व्यक्तियों और भूमाफियाओं के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए शासन की अर्जित भूमि को दोबारा शासन को बेचने, बैक डेट में बंटवारा और नामांतरण करने, गलत व्यक्तियों को मुआवजा दिलाने और भूमि के टुकड़े कर गलत भुगतान कराने जैसे कृत्य किए। इससे शासन को कई करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।
गिरफ्तार आरोपी
दिनेश पटेल, तत्कालीन पटवारी – नायकबांधा
लेखराम देवांगन, तत्कालीन पटवारी – टोकरो
बसंती घृतलहरे, तत्कालीन पटवारी – भेलवाडीह
तीनों पर अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भूमाफियाओं से मिलीभगत का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने इन्हें गिरफ्तार कर विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), रायपुर में पेश किया, जहाँ से आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
हाईकोर्ट ने हटाई गई गिरफ्तारी पर रोक
बताया गया कि इससे पहले अन्य फरार लोकसेवकों के खिलाफ वारंट और कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने कुछ समय के लिए गिरफ्तारी पर अस्थायी रोक लगा दी थी। अब 28 अक्टूबर 2025 को हाईकोर्ट द्वारा यह रोक हटाए जाने के बाद ईओडब्ल्यू ने तीनों को गिरफ्तार किया।
अब तक की जांच और आगे की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू की टीम ने बताया कि 13 अक्टूबर 2025 को इस मामले में 10 आरोपियों, जिनमें 2 लोकसेवक भी शामिल हैं, के खिलाफ पहला अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। अब फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है।