शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर को ‘छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस‘ के रूप में विकसित किया जाएगा: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री महाविद्यालय के हीरक जयंती के अवसर पर आयोजित ‘पूर्व छात्र मिलन समारोह‘ में हुए शामिल महाविद्यालय में ई-लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा ऑडिटोरियम के नाम में शासकीय नागार्जुन स्नात्तकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय का नाम भी शामिल किया जाएगा मुख्यमंत्री की साझा किए छात्र जीवन के संस्मरण
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर को ‘छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस‘ के रूप में विकसित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने इस महाविद्यालय के ‘हीरक जयंती समारोह‘ में छात्रों और कॉलेज के प्राचार्य के आग्रह पर यह घोषणा करते हुए कहा कि माता-पिता, मातृभूमि और गुरुओं के ऋण से उऋण नहीं हुआ जा सकता। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल स्वयं इस कॉलेज के छात्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज को ‘छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस‘ के रूप में विकसित करने के लिए राज्य शासन के स्तर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों की मांग पर इस महाविद्यालय में ई-लाइब्रेरी की स्थापना की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज इस ऑडिटोरियम में कॉलेज का हीरक जयंती समारोह आयोजित हो रहा है, यह ऑडिटोरियम पंडित दीनदयाल जी के नाम पर है, चूंकि इसके लिए जमीन साइंस कालेज से दी गई थी, इसलिए ऑडिटोरियम के नाम में शासकीय नागार्जुन स्नात्तकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय का नाम भी शामिल किया जाएगा।
कार्यक्रम में इस कॉलेज के भूतपूर्व छात्र और वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, पदमश्री सम्मान से सम्मानित डॉ. ए.टी.के. दाबके, वर्ष 1948 में कॉलेज के प्रथम बैच के छात्र रहे डॉ. आर.एस. गुप्ता सहित विद्या भूषण शुक्ला, अनिल पुसदकर, अंजय शुक्ल भी विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर हीरक जयंती समारोह का शुभारंभ किया। समारोह के प्रारंभ में कॉलेज की छात्राओं ने राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार.....‘ का गायन किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हीरक जयंती समारोह में अपने कॉलेज के जमाने के सहपाठियों को याद करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित साथियों के नाम पुकारे और उनसे जुड़े रोचक संस्मरण भी सुनाए। उन्होंने कहा कि कुछ साथी स्कूल में छूट जाते हैं और कुछ महाविद्यालय में बिछड़ जाते हैं। पर कभी जिन्दगी के किसी मोड़ पर जब उनसे मुलाकात होती है, तो बेहद खुशी मिलती है।
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय के वर्तमान छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि देश और प्रदेश को आप से बड़ी उम्मीदें हैं, आप हमसे भी ज्यादा ऊंचाइयां छुएं, इस महाविद्यालय के छात्रों ने हर क्षेत्र में श्रेष्ठ स्थान हासिल कर इस महाविद्यालय का नाम रोशन किया है, कॉलेज में बिताया समय जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। इसी दौर में हम अपने सपनों को बुनते हैं, उन्हें पूरा करने का प्रयास करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है की हमारी वर्तमान पीढ़ी, हमसे बेहतर कार्य करेगी। उन्होंने छात्रों से कहा कि छात्र जीवन के जो अनुभव हैं, उसे संजो कर रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाविद्यालय को 75 साल हो गए सेंट्रल इंडिया का सबसे खूबसूरत कैंपस है, यहां 2955 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस महाविद्यालय का छात्र होने के नाते भविष्य में जो कुछ भी मुझसे हो पाएगा मैं निश्चित तौर पर करूंगा।
सीनियर विद्यार्थियों का जुड़ाव प्रेरणादायक
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब मैं देखता हूं कि कौन-कौन यहाँ से पढ़ कर निकले हैं तो गर्व होता है। उन्होंने डॉ. दाबके और डॉ.आर.एस. गुप्ता के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उम्र के इस पड़ाव में भी अपने महाविद्यालय से इनका जुड़ाव प्रेरणा दायक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी में रहे मित्रों को रिटायर होते देखता हूं, तो लगता है कि जैसे हम भी सीनियर सिटीजन हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने मजाकिया अंदाज में कहा की नई पीढ़ी के लोग से मिलता हूँ, तो लगता है कि अभी भी मैं जवान हूं। इस महाविद्यालय से निकले छात्र, छात्र-संघ के अध्यक्ष, पुलिस अधिकारी, वन विभाग में, बैंक में, आईएएस, आईपीएस रहे और उन्होंने इस महाविद्यालय का नाम रोशन किया। स्वागत भाषण साइंस कॉलेज के एल्युमनी के समन्वयक अनिल पुसदकर ने दिया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ.पी.सी. चौबे ने प्रारंभ में महाविद्यालय की उपलब्धियों की जानकारी दी।