छत्तीसगढ़ के 5 लाख सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से 56 विभागों में कामकाज ठप

छत्तीसगढ़ में केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर हैं. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 5 दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरू हुई है. कर्मचारियों की हड़ताल से 56 विभागों के कामकाज ठप हैं.

छत्तीसगढ़ के 5 लाख सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से 56 विभागों में कामकाज ठप

 छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 5 दिवसीय प्रदर्शन सोमवार से शुरू हो गया. 25 जुलाई से तहसील, ब्लॉक और जिला स्तर के साथ ही प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जा रहा है. यह आंदोलन 29 जुलाई तक चलेगा. इस हड़ताल में प्रदेश भर के 56 सरकारी कार्यालयों के लगभग 5 लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं. ऐसे में प्रदेश भर के सभी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद हो गया है.

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन रायपुर संभाग के संयोजक अजय तिवारी ने बताया कि "हमारी तीन सूत्रीय मांगों में पहला महंगाई भत्ता, दूसरा गृह भाड़ा भत्ता में बढ़ोतरी की जाए और तीसरा अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए. छत्तीसगढ़ में चार अलग-अलग कैटेगरी में महंगाई भत्ता दिया जाता है. आईएएस अधिकारियों को 34% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. पेंशनर को 17% दिया जा रहा है. राज्य के कर्मचारियों को 22% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. केंद्र सरकार की तुलना में राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों को 12% महंगाई भत्ता कम मिल रहा है. 1 साल में दो बार विधायकों का महंगाई भत्ता बढ़ता है. इस तरह का भेदभाव या असमानता राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ क्यों हो रहा है."

 छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन महिला प्रकोष्ठ की जिला संयोजक ममता गायकवाड़ ने बताया कि "गृह भाड़ा भत्ता और महंगाई भत्ता में हम केंद्र से 12% पीछे हैं. केंद्र सरकार सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता और एरियर दे रही है. लेकिन राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. विधायक निधि और विधायकों का वेतन जरूर बढ़ रहा है. लेकिन राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के वेतन में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है. जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है. कोरोनाकाल के समय सभी विभाग के लोग सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किए हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है. हमें उपेक्षित होना पड़ रहा है."

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक उमेश मुदलियार ने बताया कि "प्रदेश के 56 विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. राजस्व विभाग, चिकित्सा विभाग, रजिस्ट्री कार्यालय, आरटीओ कार्यालय, आबकारी विभाग ऐसे तमाम तरह के कार्यालय, जहां पर आम जनता के काम रोजाना होते हैं, वहां पर काम पूरी तरह से रुक जाएगा. कई विभागों से सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है. वहां से सरकार को किसी तरह का कोई राजस्व भी नहीं मिल पाएगा."

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि "छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन तीन सूत्रीय मांग को लेकर 25 जुलाई से 29 जुलाई तक पांच दिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी छत्तीसगढ़ में विधानसभा का मानसून सत्र भी चल रहा है. ऐसे में विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित ना हो, इसके लिए सभी विभागों में 11 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. विधानसभा के 18 जुलाई तक के प्रश्न के जवाब विधानसभा में प्रस्तुत कर दिए गए हैं. अगर विधानसभा से किसी विभाग के प्रश्न के जवाब देने हैं तो उसके लिए नोडल अधिकारी को विभागों में रखा गया है."