दिल्ली में जिन विधायकों ने सीएम के समर्थन में डाला था डेरा, अब अपने ही मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल लगाए ये गंभीर आरोप
छत्तीसगढ़ सरकार में लग रहा है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. अभी ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का मामला थमा भी नहीं था कि अब स्कूल शिक्षा मंत्री के खिलाफ सत्ता पक्ष के (कांग्रेस के) विधायकों ने ही मोर्चा खोल दिया है. यह मोर्चा खोलने वाले विधायक वही हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेसी विधायकों ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम पर शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों कर्मचारियों ओर शिक्षकों का सांठगांठ कर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है. इन विधायकों ने आशंका जताई है कि शिक्षा मंत्री पैसों का लेन-देन कर शिक्षकों का ट्रांसफर करते हैं.
तबादलों में लेन-देन का लगाया आरोप, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत
शिक्षा मंत्री के निवास में जाकर विधायकों ने मंत्री को कहा कि आप लेन-देन कर शिक्षकों का तबादला अपने हसाब से करते हैं. शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंचे विधायकों ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात भी कही है. शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के बंगले पर मिलने पहुंचे कांग्रेसी विधायकों में यूडी मिंज, बृहस्पत सिंह, चंद्रदेव राय, इन्द्रशाह मंडावी और विनय जायसवाल शामिल थे.
दिल्ली जाने वाले कांग्रेसी विधायक ही उतरे स्कूल शिक्षा मंत्री के विरोध में
यह वही विधायक हैं, जिन्होंने भूपेश बघेल के समर्थन में दिल्ली में डेरा डाल रखा था. इनके द्वारा लगातार भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए कैंपेन किया गया. यहां तक कि इन विधायकों के पास एक ऐसा पत्र होने की भी सूत्रों से जानकारी मिल रही थी. जिसमें भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए 60 विधायकों ने हस्ताक्षर किये थे. हालांकि इसकी पुष्टि अब तक किसी ने नहीं की है. ये वही विधायक हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वे मेरी हत्या कराना चाहते हैं. और हत्या कराकर भी सीएम बनना चाहते हैं तो उन्हें सीएम की कुर्सी मुबारक. अब यह विधायक स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम पर कई संगीन आरोप लगा रहे हैं.
अन्य मंत्रियों पर भी लगे आरोप, पर क्यों नहीं जाहिर की इन विधायकों ने नाराजगी
यह कोई पहला विभाग नहीं है, जिस पर लेन-देन, सांठ-गांठ का या फिर नियम विरुद्ध ट्रांसफर किये जाने के आरोप लगा है. इसके पहले भी कई विभागों में इस तरह के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन सत्तापक्ष के विधायक इन विधायकों ने अब तक अन्य किसी विभाग के मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला.
मंत्रिमंडल में फेरबदल के पहले तैयार की जा रही भूमिका !
भाजपा को बैठे-बिठाये मिल गया एक और मुद्दा
विधायकों के विरोध का कारण जो भी हो, लेकिन इस घटना ने कहीं न कहीं एक बार फिर बैठे-बिठाये बीजेपी को कांग्रेस और उसकी सरकार के खिलाफ एक और मुद्दा दे दिया है. अब देखने वाली बात है कि बीजेपी इस मुद्दे को किस तरह से भुनाती है.