जहरीली शराब से बचाने के लिए पंजाब सरकार ला रही है 'हेल्दी' और सस्ती देसी शराब, SC में दाखिल किया हलफनामा
पंजाब में अवैध शराब के खिलाफ याचिका में पंजाब सरकार ने कहा है कि जहरीली शराब की त्रासदी को रोकने के लिए पंजाब सरकार "हेल्दी” देसी शराब ला रही है. पंजाब सरकार के आबकारी विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. पंजाब सरकार जल्द ही 40 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा वाली देशी शराब को अवैध रूप से घर में बनी शराब के "स्वस्थ विकल्प" के रूप में पेश करेगी. विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहरीली शराब की बिक्री को रोकने का ये उपाय है.
इसके तहत गुणवत्ता वाली शराब मुहैया कराई जाएगी जिससे वो इस घरेलू जहरीली दारू से दूर रहें. सस्ती देशी शराब बनाने और बेचने का कदम पंजाब सरकार की नई आबकारी नीति का हिस्सा है. “समाज के घरेलू शराब का उपभोग करने वाले वर्ग को इसके उपयोग से दूर करने के लिए राज्य सरकार ने वर्तमान आबकारी नीति में 40 डिग्री स्ट्रेंथ वाली देसी शराब का एक सस्ता संस्करण पेश किया है. यह शराब अवैध रूप से घर में बनी शराब का एक स्वस्थ विकल्प बनने जा रही है .
फील्ड अधिकारियों को जमीनी इनपुट के आधार पर 40 डिग्री देसी शराब की उनकी आवश्यकता को पूरा करने का काम सौंपा गया है ताकि निकट भविष्य में अवैध शराब वाले क्षेत्रों में इसे उपलब्ध कराया जा सके. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया है कि पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक यानी आइजी रैंक के एक अधिकारी को पंजाब आबकारी अधिनियम, 1914 के तहत दर्ज सभी मामलों की जांच और निगरानी के लिए तैनात किया गया है. अवैध शराब की तस्करी, उत्पादन के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए सभी फील्ड यूनिट को सकुर्लर जारी कर दिए गए हैं. आबकारी विभाग के इस हलफनामे में बताया गया है कि मौजूदा मान सरकार ने अवैध शराब को यह देशी शराब का सस्ता विकल्प जारी किया जा रहा है. यह सेहत के लिए अपेक्षाकृत बेहतर होगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब में अवैध शराब को लेकर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में अवैध शराब से हुई मौतों का हवाला दिया.
जस्टिस एमआर शाह ने कहा कि बिहार में देखा क्या हुआ . ये वो हालात हैं, जिससे हम बचना चाहते हैं, जब घर में आग लग जाए तो कुआं न खोदें. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पंजाब सरकार को राज्य में अवैध शराब के बड़े पैमाने पर निर्माण और बिक्री से निपटने के लिए तुरंत सख्त कदम उठाने की चेतावनी देते हुए ये टिप्पणी की.
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि चिंता यह है कि केवल छोटे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. शराब का निर्माण और आपूर्ति करने वाले लोग पुलिस जांच से बच रहे हैं. राज्य सरकार को यह दिखाने के लिए कई अवसर दिए गए हैं कि असली दोषियों को गिरफ्तार किया जाए. अपने जवाबी हलफनामे में राज्य सरकार ने 600 लीटर शराब प्राप्त करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने की बात स्वीकार की है. यह पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया गया है कि यह शराब कहां से मंगवाई गई या कहां बनाई गई. किसने भुगतान किया, पैसा कहां से आया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इसकी निगरानी करेंगे. देखते हैं कि स्थिति कैसे आगे बढ़ती है। हम इसकी निगरानी करेंगे.