प्रेम, आस्था और सौभाग्य का संगम: 200 साल बाद खास होगा करवा चौथ 2025

करवा चौथ 2025 इस साल सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास अवसर लेकर आ रहा है। 10 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन यह पावन व्रत मनाया जाएगा, जो हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सौभाग्य और वैवाहिक सुख की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष का करवा चौथ इसलिए भी विशेष है क्योंकि लगभग 200 साल बाद दो अत्यंत दुर्लभ और शुभ योग—सिद्धि योग और शिववास योग—एक साथ बन रहे हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन दोनों योगों का संयोग इस व्रत की शक्ति को कई गुना बढ़ा देगा। सिद्धि योग में किए गए व्रत, पूजा और साधना से जीवन में सफलता और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है, जबकि शिववास योग वैवाहिक जीवन में स्थिरता, प्रेम और आध्यात्मिक संतुलन का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर महिलाएं सुबह से निर्जला उपवास रखती हैं और शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं।
मान्यता है कि इस व्रत की शुरुआत माता सती ने भगवान शिव के लिए की थी, और तभी से यह परंपरा सुहागिन महिलाओं के बीच अमर हो गई। कई अविवाहित कन्याएं भी योग्य वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। पंचांग के अनुसार, करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर की रात 10:54 बजे शुरू होकर 10 अक्टूबर की शाम 7:37 बजे तक रहेगी।
उदयातिथि के अनुसार व्रत 10 अक्टूबर को ही रखा जाएगा। वहीं चंद्रोदय का समय रात 8:14 बजे का रहेगा, जब महिलाएं छलनी से चाँद का दर्शन कर अपने पति के हाथों से जल ग्रहण करेंगी। ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस बार का महासंयोग सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला है। यदि व्रत और पूजा पूर्ण श्रद्धा से की जाए तो वैवाहिक जीवन में आने वाली हर बाधा दूर हो सकती है। यह करवा चौथ सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और सौभाग्य का दिव्य संगम बनकर आने वाला है — जिसे 200 साल बाद सितारे खुद शुभ बना रहे हैं।