महाविघालयों में प्राध्यापकों की कमी से छात्रों को नहीं मिल रहा है, ऑफलाइन क्लास का लाभ । शासन से आदेश प्राप्त नहीं होने के कारण प्राचार्य नहीं कर पा रहे हैं- अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति । अध्यापन कार्य पूरी तरह से हो रही है प्रभावित ।
प्रदेश में उच्च शिक्षा की स्थिति काफी लचर है। कोरोनावायरस कोविड-19 के कारण शिक्षण सत्र 2020-21 में प्रदेश के सभी विश्वविघालयों और महाविघालयों में छात्रों का अध्यापन कार्य बंद रहा और इस सत्र में भी छात्रों की पढ़ाई और परीक्षाएं दोनोें ऑनलाइन माध्यम से हुआ। हालाकि छात्र-छात्राएं परीक्षाओं में पुस्तकों का उपयोग कर अच्छे अंक अर्जित किए हैं। लेकिन ज्ञान की दृष्टिकोण से इन छात्रों का स्तर काफी कमजोर व जीरो रहा है। शायद इसलिए छात्र छात्रएं ऑनलाइन परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद भी ये खुश नजर नही आ रहे हैं, छात्रों में आत्म संतुष्टि भी नहीं है और अब वे ऑफलाइन क्लास की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं ।
शासन ने भी प्रदेश के सभी विश्वविघालयों और महाविघालयों को छात्रों की 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ 2 अगस्त से स्नातकोत्तर कक्षाओं तथा 16 अगस्त से स्नातक कक्षाओं के लिए ऑफलाइन क्लास की अनुमति प्रदान की है। शिक्षण सत्र 2021-22 के लिए प्रदेश के प्राय: सभी महाविघालयों में छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है और छात्र-छात्रएं भी पढ़ाई करने महाविघालय पहुंच रहे हैं ।लेकिन प्रदेश के अघिकांश शासकीय महाविघालयों में अनेक विषयों के सहायक प्राध्यापक एवं प्रोफेसर के पद रिक्त होने के कारण महाविघालयों में अध्यापन कार्य पूरी तरह से ठप है फल स्वरूप छात्रों को ऑफलाइन क्लास का लाभ नही मिल रहा है।
शासकीय लक्ष्मणेश्वर महाविघालय के विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के छात्रों ने बताया कि उन्हें महाविद्यालय में प्रवेश लिए लगभग एक माह हो रहा है। लेकिन विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में एक भी प्राध्यापक नहीं होने के कारण अभी तक हमारी पढ़ाई प्रांरभ नहीं हो पाई है। पिछले शिक्षण सत्र में कोविड़ 19 के कारण छात्रों के लिए महाविद्यालयों को बंद करना पड़ा था और पढ़ाई के नाम पर ऑनलाइन क्लास की औपचारिकता पूरी की गयी थी। जो कई कारणों से असफल रहा है और जब इस वर्ष शासन ऑफलाइन क्लास की अनुमति प्रदान किए हैं तो महाविघालयों में प्राध्यापक नहीं है ,हम बिना प्राध्यापक कैसे पढ़ें ?
छात्रों की इस समस्या को लेकर महाविद्यालय के प्राचार्य एवं प्राध्यापकों से चर्चा की गई तो उन लोगों ने बताया कि महाविघालयों में सहायक प्राध्यापक एवं प्रोफेसर के रिक्त पदों के विरूध्द प्रत्येक वर्ष अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति कर अध्यापन कार्य कराया जाता रहा है। लेकिन इस वर्ष अब तक अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति संबंधी शासन से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं होने से आज पर्यंत तक महाविघालय में अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है ।