डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र की 125 जयंती संपन्न --- कालजयी साहित्यकार डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र

डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र की 125 जयंती संपन्न --- कालजयी साहित्यकार डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र

रायपुर | कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के द्वारा पूर्व अध्यक्ष डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र की जयंती मनाई गई । इस कार्यक्रम के अतिथि वक्ता के रूप में  डॉ किशोर अग्रवाल आईपीएस, आशीष सिंह वरिष्ठ पत्रकार, एवं साहित्यकार पं. नर्मदा प्रसाद मिश्र उपस्थित रहें । पं. नर्मदा मिश्र जी ने डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र जी के बारे में कहा कि, डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र बहुआयामी प्रतिभा संपन्न सारस्वत साधक थे । जहां एक ओर वे भारतीय संस्कृति के व्याख्याकार थे, वहीं दूसरी ओर वे श्री रामकथा के अध्येता, महाकवि, निबंधकार, नाटककार, दर्शन शास्त्री, संवेदनशील प्रशासक, उत्कृष्ट न्यायाधीश, शिक्षाविद और कानून वेत्ता के साथ-साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे । उन्होंने लगभग 100 ग्रंथों का प्रणयन कर हिन्दी साहित्य के कोष को भरने का प्रणम्य कार्य किया है । डॉ. किशोर अग्रवाल ने कहा कि आज जरूरत है उनके साहित्य आमजनों को पढ़ने के किये सहज उपलब्ध हो ताकि उनके विचार और दर्शन को लोग समझ सकें । पत्रकार आशीष सिंह ने कहा कि हमारे परिवार से डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र जी का बहुत जुड़ाव रहा | वे सुप्रसिद्ध साहित्यकार हरि ठाकुर जी की छतीसगढ़ी भाषा के लिए किए जा रहे प्रयास की सराहना करते थे एवं उन्हे प्रोत्साहित किया करते थे। सावन के महीने में राष्ट्रपति भवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को रामचरित मानस की कथा सुनाया करते थे | रामकथा के माध्यम से लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित करते थे | इस कार्य के लिए उन्हें जबलपुर जेल भी जाना पड़ा | डॉ. मिश्र गाँव गाँव जाकर राम कथा कर जो चढ़ावा मिलता था उस चढ़ावे के पैसे से स्कूल का संचालन कर निःशुल्क शिक्षा बच्चों को देते थे | सन 1940 से 1949 तक राजा चक्रधर के दीवान रहे |  सन 1973 से 1975 तक खुज्जी विधानसभा से विधायक रहे | साथ ही नागपुर विश्वविद्यालय से सन 1939 में सर्व प्रथम डी लिट् की उपाधि आचार्य पं. रामचंद्र शुक्ल जी के मार्गदर्शन में प्राप्त किये |

अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल ने कहा कि आज समाज में जो भी आदर्श और मूल्य स्थापित हैं वे सभी हमारे पूर्व अध्यक्षों के अमूल्य योगदान के कारण ही है। हम उनका पूण्य स्मरण कर हमारी भावी पीढ़ी को वैसा ही संस्कार देने का प्रयास कर रहे हैं।

सचिव पं. सुरेश मिश्र ने बताया कि डॉ. मिश्र जी एक साथ चार-चार  नगर पालिक निगम - खरसिया, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव के अध्यक्ष रहे । इस अवसर पर आशीर्वाद भवन के एक कक्ष का नामकरण डॉ बलदेव प्रसाद मिश्र के नाम पर किया गया | कार्यक्रम का संचालन सह सचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री एवं पं. अजय अवस्थी 'किरण' ने किया | आभार व्यक्त उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र ने किया ।

इस अवसर पर अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल, सचिव पं. सुरेश मिश्र, उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र, उपाध्यक्ष श्रीमती निशा अवस्थी, कोषाध्यक्ष पं. संतोष दुबे, सहसचिव पं. रज्जन अग्निहोत्री, सहसचिव पं. गौरव शुक्ल, स्कूल प्रभारी पं. अतुल पाण्डेय, पं. अजय अवस्थी किरण, श्रीमती सुधा शुक्ला, श्रीमती अर्चना त्रिवेदी, श्रीमती सुनयना शुक्ला, श्रीमती अर्चना मिश्रा, श्रीमती सरोजनी बाजपेई, श्रीमती सीमा मिश्रा, डॉ. मीनाक्षी बाजपेई, पं. प्रकाश अवस्थी, पं. राजकुमार अवस्थी, पं. चंद्रभूषण बाजपेई, पं. चन्द्रिका शंकर बाजपेई, पं. रामकिशोर दीक्षित, पं. गिरजाशंकर दीक्षित, पं. श्रीकांत अवस्थी, पं. बद्री प्रसाद मिश्र, पं. जगदीश दुबे, पं. अशोक दीक्षित, पं. एस. एस. त्रिवेदी, पं. प्रभात पांडेय, पं. भरत देव मिश्र, पं. सुशील तिवारी, पं. शिरीष त्रिवेदी, पं. मोहन कुमार दुबे, पं. इंद्र कुमार तिवारी (पंकज), पं. राहुल शुक्ल (मोंटी), पं. एन. एल. शुक्ल सहित बढ़ी संख्या में समाज के सदस्य गण उपस्थित रहें