इस कांग्रेसी विधायक के ठिकानों पर रेड, 1.42 करोड़ कैश बरामद

केनरा बैंक को लगाई 1,392.86 करोड़ की चपत

इस कांग्रेसी विधायक के ठिकानों पर रेड, 1.42 करोड़ कैश बरामद

नई दिल्‍ली। हरियाणा के महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दानसिंह पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक-ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ा एक्‍शन लिया। छापेमारी के दौरान ईडी को कांग्रेस विधायक के ठिकानों से इतना कैश मिला कि जांच एजेंसियां गिनते-गिनते थक गई। ईडी को विधायक, उनके बेटे और कुछ व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 1.42 करोड़ रुपये कैश मिला। इतना ही नहीं विधायक और उनके परिवार से जुड़े ठिकानों पर 30 से अधिक ‘अघोषित’ फ्लैट और जमीन से संबंधित दस्तावेज जब्त करने का दावा ईडी कर रही है।ED ने विधायक, उनके परिवार, एक संबंद्ध कंपनी ‘सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड’ (एएसएल) और इसके प्रवर्तक मोहिंदर अग्रवाल, गौरव अग्रवाल और कुछ अन्य के खिलाफ दिल्ली, जमशेदपुर (झारखंड), हरियाणा के महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम में गुरुवार को छापेमारी शुरू की गई थी। एएसएल कंपनी कोल्ड रोल स्टील उत्पाद बनाती है।ईडी के इस मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच सीबीआई द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के केस के बाद शुरू की गई है। सीबीआई की एफआईआर में आरोपियों पर रुपयों की हेराफेरी करके ‘धोखाधड़ी’ करने, आपराधिक धांधली, आपराधिक विश्वासघात और ठगी कर केनरा बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को 1,392.86 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।ईडी ने एक बयान में कहा कि छापेमारी अभियान में समूह की इकाइयों और व्यक्तियों के कई परिसर से 1.42 करोड़ रुपये की नकदी, 32 अघोषित फ्लैट और जमीन, विभिन्न लॉकर, ट्रस्ट आदि के दस्तावेज जब्त किए गए। जिन इकाइयों पर छापेमारी की गई उनमें राव दानसिंह के बेटे अक्षत सिंह की इकाइयां भी शामिल हैं। हालांकि, इसमें यह नहीं बताया गया कि वास्तव में कहां से क्या जब्त किया गया था।हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में राव दानसिंह (65 साल) महेंद्रगढ़ सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस साल के अंत में हरियाणा विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। चार बार के विधायक और व्यवसायी ने हाल ही में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह भाजपा के धर्मबीर सिंह से 41 हजार से अधिक मतों के अंतर से हार गए। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है।