अमीर का बच्चों को विषय शिक्षा का ज्ञान की जरूरत है तो क्या गरीब के बच्चों को विषय शिक्षा के ज्ञान की जरूरत नहीं है ? -फेडरेशन

अमीर का बच्चों को विषय शिक्षा का ज्ञान की जरूरत है तो क्या गरीब के बच्चों को विषय शिक्षा के ज्ञान की जरूरत नहीं है ? -फेडरेशन

 छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन ने स्कूलों एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के विरुद्ध शिक्षकों के जिला स्तरीय आंदोलन का समर्थन किया है। फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी तथा महामंत्री श्रीलाल ने बताया कि शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण नीति में शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षावार प्रत्येक विद्यार्थियों को विषय शिक्षक उपलब्ध कराने की व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों का निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसूची (धारा-19 और 25) में विद्यालय के लिए मान और मानक में उल्लेख है कि *कम से कम प्रति कक्षा में एक शिक्षक विज्ञान और गणित,सामाजिक अध्ययन और भाषा का शिक्षक रहना चाहिए।  लेकिन इसके विपरीत विषय व्यवस्था को नजरअंदाज कर विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के मान और मानक से शिक्षकों को अतिशेष किया जा रहा है।जोकि बच्चों का निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का स्पष्ट उल्लंघन है।
     उन्होंने बताया कि हाई स्कूल/हायर सेकंडरी स्कूलों में विषयमान से स्वीकृत पदों में कार्यरत उसी विषय शिक्षकों को भी अध्यापन के 4 कालखण्ड से कम होने के आधार पर अतिशेष किया जाना अवैधानिक है।
     उन्होंने दावा किया है कि शिक्षा विभाग के युक्तियुक्तकरण नीति से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के अनेक स्कूल बंद होंगे। जिसके कारण शिक्षा के प्रसार से नीति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।