सलवा जुडुम के बाद पहली बार रौशन हुआ पालनार, 300 घरों में पहुंची बिजली

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र पालनार में अब अंधेरे के दिन पीछे छूटते जा रहे हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत 300 से अधिक घरों में बिजली पहुंचाई गई है, जिससे इस गांव में पहली बार सलवा जुडुम के बाद उजियारा लौटा है। माओवादी आतंक के कारण वीरान हुए इस गांव में अब विकास की गूंज सुनाई देने लगी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना ने पालनार जैसे दुर्गम इलाके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया कि पालनार सात पारा-मोहल्लों में फैला बड़ा गांव है। 14 ट्रांसफार्मरों की मदद से घर-घर बिजली पहुंचाई गई है।
विकास की तस्वीर:
गांव में 100% विद्युतीकरण का कार्य पूरा
जल जीवन मिशन के तहत नल से स्वच्छ जल की आपूर्ति शुरू
मोबाइल टॉवर और सुरक्षा शिविर स्थापित
ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज देने आधार शिविर आयोजित
ग्रामीणों का कहना है कि 20 से 25 साल तक गांव अंधेरे और डर के साये में था। सरपंच मालती ताती और अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अब बिजली से बच्चों की पढ़ाई मुमकिन हुई है, और सुरक्षा का अहसास भी बढ़ा है। गांव में अब सांप-बिच्छुओं का डर कम हो गया है, और लोगों को लग रहा है कि उनका भविष्य सुरक्षित और उज्जवल है।
ग्रामीणों ने इस परिवर्तन के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है और कहा है कि नियद नेल्लानार योजना से सिर्फ विकास नहीं, भरोसा भी लौटा है।