करीब 5 करोड़ साल पुराने सांप वासुकी की प्रजाति का जीवाश्म गुजरात में मिला, नागराज की तरह ही शक्तिशाली और विशाल था
गुजरात। लगभग 4.7 करोड़ साल पहले रहने वाले वासुकी इंडिकस नामक सांप की प्राचीन प्रजाति का गुजरात में पता चला है। साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने गुजरात के कच्छ में पनंध्रो लिग्नाइट खदान से बरामद नए नमूने का वर्णन किया है, जो मध्य युगीन काल का है।शोधकर्ताओं ने 27 अच्छी तरह से संरक्षित कशेरुकाओं का वर्णन किया है। कशेरुकाओं की लंबाई 37.5 से 62.7 मिमी और चौड़ाई 62.4 से 111.4 मिमी के बीच है और शरीर बेलनाकार है।आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं का दावा है कि ये अब विलुप्त हो चुका नाग दुनिया के सबसे लंबे नागों में से एक रहा होगा। आज के समय के 6 मीटर (20 फुट) वाले एनाकोंडा और अजगर इसके आगे कुछ नहीं थे। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि वासुकी इंडिकस की लंबाई 10.9 से 15.2 मीटर के बीच हो सकती है।प्रजाति का नाम पौराणिक सांप के नाम पर वासुकी इंडिकस रखा गया है। वासुकी नाम शिवजी के गले में लिपटे हुए नागराज से लिया गया है। इंडिकस शब्द का मतलब है भारत का। वैज्ञानिकों ने इसे इस नाम से दर्शाया है कि ये नाग भारत में ही पाया जाता था और भगवान शिव के नागराज की तरह ही शक्तिशाली और विशाल था।