झूठे आरोपों' के आधार पर नहीं दूंगा इस्तीफा : सिद्धारमैया
कर्नाटक के मुख्ममंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को स्पष्ट किया कि वह विपक्ष के 'झूठे आरोपों' के आधार पर अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वह राज्य की जनता के सामने सही स्थिति पेश करेंगे।
सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, अगर विपक्ष पार्टियां झूठे आरोपों के आधार पर मेरे इस्तीफे की मांग करती हैं, तो क्या मुझे इस्तीफा देना चाहिए? हम इन आरोपों का जवाब देंगे और लोगों को सच बताएंगे।
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) जमीन आवंटन मामले के बाद कांग्रेस पार्टी के अंदर दलित और अनुसूचित जनजाति के नेताओं की बैठकें हो रही हैं। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि ये गतिविधियां क्यों हो रही तो सिद्धारमैया ने जवाब दिया कि लोग अनावश्यक अटकलें लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा, मंत्री चर्चा करेंगे, लेकिन क्या आपको अटकलें लगानी चाहिए? जब लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मिलते हैं, तो लोग अटकलें लगाते हैं। अतीत में भी ऐसी बैठकें होती रहे रही हैं, लेकिन अब ऐसी अटकलें क्यों लगाई जा रही हैं?
सिद्धारमैया ने जी.टी. देवगौड़ा का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल सच्चाई बताई है। मुख्यमंत्री ने कहा, उन्होंने सच्चाई बताई है। इसमें गलत क्या है? देवगौड़ा जद (एस) की कोर समिति के अध्यक्ष हैं और मुडा के सदस्य भी हैं।
विशेष अदालत के आदेश के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 27 सितंबर को सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती और अन्य के खिलाफ ईसीआईआर दर्ज की है। विशेष अदालत की ओर से यह आदेश उस समय आया है, जब हाईकोर्ट ने सिद्धारमैया के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत के द्वारा जांच की मंजूरी को बरकरार रखा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी सिद्धारमैया के खिलाफ 14 भूखंड आवंटन में कथित अनियमितताओं के लिए एक ईसीआईआर दर्ज की है। मुडा ने मंगलवार को सिद्धारमैया की पत्नी को आवंटित 14 भूखंड वापस लेने का फैसला लिया है।