“कभी नक्सल प्रभावित बस्तर में अब गूंज रही खेलों की आवाज़, युवाओं में दिखा नया जोश और आत्मविश्वास”

खुशहाली की ओर बढ़ रहा बस्तर का युवा, बस्तर ओलम्पिक के लिए 3 लाख से ज्यादा युवाओं ने कराया पंजीयन

“कभी नक्सल प्रभावित बस्तर में अब गूंज रही खेलों की आवाज़, युवाओं में दिखा नया जोश और आत्मविश्वास”

रायपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर अब बदलते स्वरूप की नई कहानी लिख रहा है। कभी नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए पहचाना जाने वाला यह क्षेत्र अब विकास और खुशहाली की राह पर आगे बढ़ रहा है।
देश के प्रथम गृहमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर यहां बस्तर ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा है। इस खेल महोत्सव के प्रति युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।

अब तक 3 लाख 9 हजार से अधिक युवाओं ने बस्तर ओलम्पिक में भाग लेने के लिए पंजीयन कराया है, जबकि आयोजन की शुरुआत में अभी 5 दिन शेष हैं।

सरकार के प्रयासों से बदल रहा बस्तर

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से बस्तर में विकास की नई रोशनी फैल रही है।
उन्होंने कहा, “आज का बस्तर खेल और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रतीक है।”

साव ने आगे कहा कि “पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को अब अंधकार नहीं, प्रकाश की ओर लौटना चाहिए। बस्तर में अब बंदूक नहीं, बल्कि खेल और खुशहाली की संस्कृति पनप रही है।”

खेल के माध्यम से विकास की दिशा

बस्तर ओलम्पिक केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि यह एकता, उत्साह और नई उम्मीदों का उत्सव बनता जा रहा है।
युवाओं की बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि बस्तर अब संघर्ष नहीं, सफलता और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।