मशहूर कॉमेडियन और एक्टर असरानी का निधन, शोक में डूबा बॉलीवुड

मशहूर कॉमेडियन और एक्टर असरानी का सोमवार दोपहर निधन हो गया। वह बीते चार दिन से मुंबई के आरोग्यानिधि अस्पताल में भर्ती थे। जहां दोपहर तीन बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 84 वर्षीय असरानी के निधन के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है।
असरानी उन अभिनेताओं में शुमार थे, जिनके अभिनय ने हर किसी के मुख पर प्रसन्नता और संतुष्टि का भाव लाने का काम किया था। अभिनेता के निधन से एक्टर-पॉलिटिशियन सभी शोक में डूबे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवंगत अभिनेता के अमूल्य योगदान को याद किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- उनके योगदान को याद किया जाएगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स अकाउंट पर ट्वीट करते हुए असरानी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, 'गोवर्धन असरानी जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। एक प्रतिभाशाली मनोरंजनकर्ता और वास्तव में बहुमुखी कलाकार, उन्होंने कई पीढ़ियों के दर्शकों का मनोरंजन किया। उन्होंने अपने अविस्मरणीय अभिनय से अनगिनत लोगों के जीवन में विशेष रूप से आनंद और हंसी का संचार किया। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।'
असरानी का अंतिम संस्कार सोमवार शाम सांताक्रूज पश्चिम स्थित शास्त्री नगर श्मशान घाट पर हुआ। वहां कोई भी फिल्मी हस्ती मौजूद नहीं थी। दरअसल, असरानी ने सुबह ही अपनी पत्नी मंजू से कहा था कि वे अपने अंतिम समय में कोई भीड़ नहीं चाहते, न ही लोगों को परेशान करना चाहते। वे शांतिपूर्वक जाना चाहते हैं। ऐसे में एक्टर के निधन के बाद पत्नी मंजू ने असरानी के सचिव से अनुरोध किया था कि वह किसी को भी इसकी जानकारी न दें।
असरानी को पहला ब्रेक
पढ़ाई पूरी होने के बाद असरानी ने 1960 से लेकर 1962 तक साहित्य कलभाई ठक्कर से अभिनय सीखा। साल 1962 में काम तलाशने के लिए वह मुंबई गए। 1963 में असरानी की मुलाकात किशोर साहू और ऋषिकेश मुखर्जी से हुई। उन्होंने असरानी को पेशेवर रूप से अभिनय सीखने की सलाह दी। 1964 में असरानी ने फिल्म संस्थान पुणे में दाखिला लिया और अभिनय सीखा। असरानी को सबसे पहला ब्रेक फिल्म 'हरे कांच की चूड़ियां' में मिला। इस फिल्म में उन्होंने अभिनेता बिश्वजीत के दोस्त का किरदार निभाया।
राजेश खन्ना के साथ की 25 फिल्में
पहली फिल्म में अपने अभिनय से सबका दिल जीतने वाले असरानी ने साल 1967 में गुजराती फिल्म में मुख्य किरदार निभाया। उन्होंने 4 और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया। साल 1971 के बाद से असरानी को फिल्मों में कॉमेडियन का किरदार या अभिनेता के दोस्त का किरदार मिलने लगा। उन्होंने 1970 से लेकर 1979 तक 101 फिल्मों में काम किया। फिल्म 'नमक हराम' में काम करने के बाद असरानी और राजेश खन्ना दोस्त बन गए। इसके बाद राजेश खन्ना जिस फिल्म में काम करते, वह निर्माताओं से कहते कि असरानी को भी काम दें। असरानी ने राजेश खन्ना के साथ 25 फिल्मों में काम किया।
असरानी की हिट फिल्में
असरानी ने 1970 के दशक में कई फिल्मों में कॉमेडियन का किरदार निभाया। इन फिल्मों में 'शोले', 'चुपके चुपके', 'छोटी सी बात', 'रफू चक्कर', 'फकीरा', 'हीरा लाल पन्नालाल' और 'पति पत्नी और वो' शामिल हैं। कई फिल्मों में कॉमेडियन का किरदार निभाने वाले असरानी ने 'खून पसीना' में सीरियस रोल भी निभाया है। 2000 के दशक में असरानी ने कई कॉमेडी फिल्मों में यादगार अभिनय किया। इसमें 'चुप चुप के', 'हेरा फेरी', 'हलचल', 'दीवाने हुए पागल', 'गरम मसाला', 'भागम भाग' और 'मालामाल वीकली' शामिल हैं।