महिला व्याख्याता ने खाया जहर, प्राचार्य-सहकर्मियों पर प्रताड़ना का आरोप

महिला व्याख्याता ने खाया जहर, प्राचार्य-सहकर्मियों पर प्रताड़ना का आरोप

जांजगीर स्थित डाइट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) में पदस्थ महिला व्याख्याता ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। गंभीर स्थिति में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत को फिलहाल खतरे से बाहर बताया है। घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र की है।

व्हाट्सएप ग्रुप में छोड़ा सुसाइड नोट
जहर खाने से पहले महिला व्याख्याता ने शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में एक सुसाइड नोट साझा किया। इस नोट में उन्होंने डाइट के प्रभारी प्राचार्य बीपी साहू और सहकर्मी संजय शर्मा व कल्याणी बोस पर मानसिक प्रताड़ना और दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्राचार्य पर उनकी गोपनीय रिपोर्ट (सीआर) बिगाड़ने और अन्य षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया।

मौके पर पहुंचे शिक्षक, बचाई जान
सुसाइड नोट देखने के बाद अन्य शिक्षक तुरंत महिला व्याख्याता के घर पहुंचे। वहां उनकी स्थिति देख उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उनकी हालत को फिलहाल स्थिर बताया है।

महिला व्याख्याता ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वे पिछले 22 वर्षों से व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं। लेकिन 13 अक्टूबर 2022 को प्राचार्य बीपी साहू के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्राचार्य ने उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के लिए षड्यंत्र रचे। उन्हें किसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से दूर रखा गया। ट्रेनिंग और अन्य अवसरों से उन्हें बार-बार वंचित किया गया। उनके खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचते हुए सीआर बिगाड़ने की धमकी दी गई। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "मैं न्याय का इंतजार करते-करते थक गई हूं। मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है।"

पुलिस ने जांच शुरू की
इस घटना के बाद पुलिस ने महिला व्याख्याता के सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है। मामले में प्राचार्य और अन्य सहकर्मियों से पूछताछ की जा रही है।

महिला अधिकारों और मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल
यह घटना कार्यस्थल पर महिलाओं के खिलाफ हो रही प्रताड़ना की एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। महिला व्याख्याता ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि यदि उनके जैसी आत्मनिर्भर और मजबूत महिला को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, तो अन्य महिलाएं किस तरह से इनसे लड़ती होंगी।

पुलिस और प्रशासन से अब यह अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में जल्द कार्रवाई कर पीड़िता को न्याय दिलाएं और दोषियों पर सख्त कदम उठाएं।