गुजरात मॉडल आज पूरा देश देख रहा: भूपेश बघेल
रायपुर में ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस का राष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है. दो दिवसीय इस सम्मेलन में कई दिग्गज शामिल हुए हैं.
ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस का पांचवा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन रायपुर में शुरू हो गया है. सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए हैं. प्रमुख वक्ता के रूप में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और सांसद शशि थरूर शामिल हुए हैं. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद हैं.
सम्मेलन में सांसद शशि थरूर ने कहा " जब लोग पूछते हैं कि कांग्रेस केंद्र में आई तो कैसे विकास करेंगे ? इस पर हमने कहा कि छत्तीसगढ़ आइए. वहां शानदार काम हो रहा है. एक बार देश में भी मौका दीजिए लोग वैसे ही खुश और सुखी दिखेंगे जैसे छत्तीसगढ़ में हैं."
भूपेश बघेल ने कहा 2014 चुनाव से पहले गुजरात मॉडल की चर्चा पूरे देश में रही. लेकिन आज 9 साल बाद कोई नहीं बता सकता कि गुजरात मॉडल क्या है. जिन्होंने गुजरात मॉडल की चर्चा जोर शोर से की थी वो गुजरात की चर्चा तक नहीं करते. आज पूरा देश देख रहा है कि गुजरात मॉडल का क्या हाल हो रहा है.
इस कार्यक्रम में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया है. इस परिचर्चा में प्रोफेशनल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि थरूर , देश एवं राज्य के बड़े नेता और ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के अध्यक्ष क्षितिज चंद्राकर प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे. दो दिवसीय कार्यशाला सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी. पहला मौका है जब इस तरह का आयोजन छत्तीसगढ़ में आयोजित किया जा रहा है. इस सेमिनार में देशभर के प्रबुद्धजन, बड़े कारोबारी, विषय विशेषज्ञ सहित 1 हजार से ज्यादा लोग शामिल हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, न्याय योजना के बारे में जरूरी जानकारी शेयर करेंगे. साथ ही इसे ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक इसे पहुंचाए जाने को लेकर विशेष चर्चा भी की जाएगी. छत्तीसगढ़ को इस सेमिनार के माध्यम से विषय विशेषज्ञों और प्रबुद्धजनों का सानिध्य मिलेगा. कार्यशाला के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया है. इसके आधार पर ही प्रवेश दिया जाना तय किया गया है. इसमें शहरी और ग्रामीण परिवेश के जीवन यापन को और सुगम और सरल बनाए जाने की दिशा में मंथन कर योजनाएं तैयार करने को लेकर परिचर्चा हो रही है, ताकि बेहतर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा सके. इसमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, मूलभूत जरूरतों, बिजली, पानी जैसी चीजों को भी जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में प्रयास किए जाने को लेकर भी कार्य योजनाओं पर विचार किया जाएगा.