छत्तीसगढ़ में बच्चा चोरी की घटनाएं कितनी सच, पुलिस के लिए बनीं चुनौती
छत्तीसगढ़ में इन दिनों पुलिस के सामने बच्चा चोरी की अफवाहें चुनौती बनीं हुई है. पुलिस इन मामलों में जनता से जागरुक रहने की अपील तो करती है.लेकिन हर दिन कहीं ना कहीं कोई निर्दोष इस अफवाह का शिकार हो रहा है. ऐसे में पुलिस ने बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती करने का मन बनाया है. पुलिस सोशल मीडिया पर अफवाहों को सर्कुलेट करने वालों पर भी सख्ती बरत रही है.
छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में बच्चा चोरी की अफवाह तेजी से फैल रही है. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बच्चा चोरी के शक में मारपीट की घटना बढ़ते जा रही है. दुर्ग, भिलाई के बाद राजधानी रायपुर में भी बच्चा चोरी के शक में मारपीट हुई है. इस अफवाह के चलते कई बेगुनाह मारपीट का शिकार हो रहे हैं. अब पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि यह सिर्फ एक अफवाह है. राज्य में इस तरह का कोई गिरोह सक्रिय नहीं है. यदि किसी नागरिक को किसी पर भी संदेह होता है तो किसी प्रकार की मारपीट ना करें, बल्कि पुलिस को खबर करें. इसकी जांच तत्काल की जाएगी.
छत्तीसगढ़ में तेजी के साथ बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की अफवाह आग की तरह फैलते जा रही है. बच्चा चोरी के शक में मारपीट का पहला मामला धमतरी जिले के भखारा थाना क्षेत्र से सामने आया. यहां 27 सितंबर को कुछ लोगों ने साधु की पिटाई कर दी थी. आरोप लगा था कि साधु बच्चों को बोरे में भरकर लेकर जा रहा है. बच्चों की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर एक युवक की गिरफ्तारी भी कर ली है. इस घटना के बाद से राज्य में तेजी से सोशल मीडिया पर एक पॉम्पलेट वायरल होने लगा. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर भी लगी हुई है और राज्य में बच्चा चोर गिरोह के सक्रिय होने की बात कही गई है. हालांकि पुलिस ने इसे फर्जी बताया है. बावजूद इसके बच्चा चोरी के शक में मारपीट की घटना थमने का नाम ले रही है.
दुर्ग जिले के भिलाई इलाके में हाल ही में बच्चा चोरी के शक में जमकर बवाल हुआ है. स्थानीय लोगों ने भीख मांगने वाले तीन साधुओं पर बच्चा चोरी के शक में ताबड़तोड़ हमला कर दिया. तीनों साधु राजस्थान के अलवर जिले के रहने वाले हैं. मारपीट का यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ. हालांकि पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
भिलाई में बच्चा चोरी के शक में साधुओं की पिटाई का मामला थमा नहीं था कि दुर्ग जिले के खोपली गांव में एक और घटना सामने आ गई. यहां ग्रामीणों ने बच्चा चोरी के शक में मानसिक रोगी की पिटाई कर दी गई. इसका वीडियो भी तेजी से वायरल होने लगा. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मानसिक रोग से ग्रसित व्यक्ति को राज्य मानसिक चिकित्सालय भेजने की तैयारी है.
दुर्ग भिलाई के बाद बच्चा चोरी की अफवाह राजधानी रायपुर तक भी पहुंच गई है. टिकरापारा थाना क्षेत्र में हाल ही में एक मानसिक रोगी की पिटाई का मामला सामने आया. इसके बाद पुरानी बस्ती इलाके में भी इसकी सुगबुगाहट सुनाई दी. फिर शुक्रवार को गोलबाजार इलाके में जमकर हंगामा हो गया. इस मामले में लोगों ने एनजीओ की महिला को घेर लिया था. महिला करीब 12 बच्चों को लेकर कपड़ा खरीदने आई थी. पुलिस की दखल के बाद भीड़ को खदेड़ा गया. गोलबाजार का यह मामला थमा नहीं था कि डीडी नगर थाना क्षेत्र में बच्चा चोरी के शक में एक युवक की पिटाई कर दी गई, जबकि युवक स्थानीय है. वह रायपुर के लाखेनगर का रहने वाला है.
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "बच्चा चोरी के संबंध में कुछ कुछ अफवाहें सोशल मीडिया में तैर रही हैं. कुछ एक फर्जी पांप्लेट भी जारी हुआ था, जो पुलिस की तरफ से नहीं था. बच्चा चोरी का गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय नहीं है. सिर्फ एक घटना कुछ दिनों पहले दुर्ग में हुई थी. जिसमें आरोपी गिरफ्तार है. बाकि बच्चा चोर का गिरोह यहां नहीं है. चूंकि फेस्टिवल सीजन है. ऐसे में बाहर से कई लोग आते हैं. इसमें रोजगार के लिए या भीख मांगने के मकसद से भी आते हैं. ऐसे में अफवाह के कारण लोग गलत समझ रहे हैं. कहीं कहीं पर इनके साथ मारपीट की भी घटना हो रही है. ऐसी घटनाओं पर हम सबको मिलकर लगाम लगाना है. यदि किसी को किसी पर संदेह होता है तो पुलिस को खबर करें. स्वयं मारपीट न करें. क्योंकि इस चक्कर में कई निर्दोष मारपीट का शिकार हो जाते हैं."
रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि "बच्चा चोरी के शक में मारपीट करने वाले या फेक न्यूज वायरल करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. राजधानी रायपुर के डीडी नगर में इस तरह की एक घटना हुई है. जिसमें एक युवक की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी. जबकि लड़का स्थानीय है. ऐसे में लोगों को इस तरह की अफवाहों में ध्यान नहीं देना चाहिए."