मंत्री विजय शाह की बढ़ीं मुश्किलें: हाईकोर्ट ने दिया FIR दर्ज करने का आदेश

मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें अब कानूनी मोर्चे पर भी बढ़ने लगी हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए चार घंटे में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने इस बयान को संवेदनशील और आपत्तिजनक करार दिया है।
क्या कहा हाईकोर्ट ने?
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने इस बयान को लेकर स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे सुनवाई योग्य याचिका के रूप में दर्ज किया और मंत्री विजय शाह पर BNS की धारा 196 व 197 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए। कोर्ट ने प्रदेश के डीजीपी को शाम 6 बजे तक एफआईआर दर्ज कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई गुरुवार सुबह 10:30 बजे तय की गई है।
क्या था विवादित बयान?
मानपुर में आयोजित हलमा कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर कहा था, "जिन आतंकियों ने हमारी बहनों का सिंदूर उजाड़ा, उनके कपड़े उतरवाए, और पीएम मोदी ने उन्हीं की बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई।"
इस टिप्पणी को लेकर राजनीतिक और सामाजिक दोनों मोर्चों पर जबरदस्त विरोध हुआ। हालांकि बाद में सफाई देते हुए मंत्री ने कहा कि उनका बयान गलत संदर्भ में लिया गया और उन्होंने माफी भी मांगी।
राजनीतिक बवाल, कांग्रेस का तीखा हमला
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है और बीजेपी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी सेना की वीरता को सलाम करते हैं, वहीं उनके मंत्री सेना की बहादुर अधिकारी का अपमान कर रहे हैं। भाजपा अब तक चुप क्यों है?” पटवारी ने चेतावनी दी कि अगर 24 घंटे के भीतर मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया, तो देशभर के थानों में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
माफी के बावजूद बवाल थम नहीं रहा
हालांकि विजय शाह ने बयान पर खेद व्यक्त किया है, लेकिन सेना से जुड़े मुद्दे पर विवादित भाषा और महिला अधिकारी को लेकर की गई टिप्पणी ने उन्हें संकट में डाल दिया है। अब देखना यह है कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद एफआईआर दर्ज होने पर राज्य सरकार और भाजपा क्या रुख अपनाती है।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी कर मंत्री विजय शाह राजनीतिक के साथ-साथ कानूनी संकट में भी घिर गए हैं। हाईकोर्ट की सख्ती ने साफ कर दिया है कि सेना जैसे संवेदनशील विषय पर अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।