दोस्ती
मोना चन्द्राकर #Monalisa★ रायपुर छत्तीसगढ़
दोस्ती क्या है ? दोस्ती जिन्दगी है । बिना किसी दोस्त, मित्र या सहेली के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते । एक विशेष व्यक्ति जिसकी बातें, जिसके विचार हमें पसंद आतें हैं या फिर जिनके विचार हमसे मिलतें हैं हम उन्हें ही चुनते हैं अपने दोस्त, मित्र या सहेली के रूप में ।
दोस्ती में लड़का-लड़की नहीं होते । दोस्ती में सिर्फ दोस्त होते हैं । दोस्ती किसी भी उम्र में किसी भी के साथ हो सकती है । यह आप पर निर्भर करता है कि आप किसे अपना सच्चा दोस्त बनाते हैं । एक सच्चा दोस्त वो होता है जो आपके हर ग़म और खुशी के मौके पर आपका साथ दे ।
एक बार जो दोस्ती कर ली तो उम्र भर निभाते हैं ।सच्चा दोस्त हर खुशी और ग़म में साथ देते हैं । दोस्ती वो रिश्ता है जिसे हम खुद चुनते हैं भगवान नहीं । कहते हैं कि भगवान जिसे खून के रिश्तों में बाँधना भूल जाते हैं वो दोस्ती के रिश्तों में बंध जाते हैं । दोस्त आपकी होंठों की हंसी में ग़म ढूंढ लेते हैं पागल दोस्त कुछ ऐसे ही होते हैं ।
कुछ दोस्त बहुत खास जगह बनाते हैं हमारे दिल में । ऐसे दोस्त होते ही बहुत खास हैं । जिससे हम अपना हर दुःख सुख साझा करते हैं और वह हमें हर सही ग़लत को बताते हैं । ऐसे दोस्तों से हमारा सिर्फ दिल का ही नहीं रूह या आत्मा का रिश्ता होता है । जिसे हम कभी भी खोना नहीं चाहते । दोस्त में कोई भी बड़ा छोटा नहीं होता । सब बराबर होते हैं । जैसे कि कृष्ण और सुदामा की दोस्ती एक मिशाल है सच्ची और अच्छी दोस्ती की । दोस्त से बात करने से पहले कभी भी सोचना नहीं पड़ता और जिससे कुछ भी बात करने से पहले हमें सोचना पड़े वो दोस्त ही नहीं होता ।
आप अपनी दोस्ती बनाए रखने के लिए कभी भी अपने दोस्त से किसी गलती पर माफ़ी मांग सकते हैं और वो अगर आपका सच्चा और अच्छा दोस्त होगा तो जरूर आपको माफ़ कर देगा । तो आप सब हमेशा अपने दोस्तों के संपर्क में रहें और इस सच्ची और अच्छी दोस्ती का आनंद उठाइए ।
दोस्ती
परवाह के महीन धागों से बनते है रिश्तेेेे
दुनिया की भीड़ में से एक को हम है चुनते
वो सारी दुनिया से अलग और जुदा होता है
सच्ची दोस्ती में दोस्त ही हमारा खुदा होता है
चाहे सारी दुनिया हमें कभी भी ना समझ पाए
दोस्त हमेशा बिना बोले मन का हाल जान जाए