उच्च शिक्षा मंत्री से स्नातकोत्तर स्तर के अतिथि व्याख्याताओं की कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ाने की मांग ।
शासन व्दारा 30 अप्रेल को सेवा समाप्त कर देने के कारण व्दितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की पढ़ाई ठप ।
शिवरीनारायण -- छ.ग.अतिथिव्याख्याता महासंघ ने स्नातकोत्तर स्तर के अतिथि व्याख्याताओं की सेवा अवधि 31 जुलाई तक बढ़ाये जाने की मांग उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से किया है ।
गौरतलब है कि प्रदेश के सभी विश्वविघालयों में स्नातकोत्तर कक्षाओं की पढ़ाई सेमेस्टर पध्दति से संचालित हो रही है स्नातकोत्तर कक्षाओं को कुल चार सेमेस्टर में विभाजीत किया गया है और प्रत्येक सेमेस्टर की परीक्षा हर छै; माह में होती है प्रदेश के प्राय: सभी महाविघालयों में प्रोफेसर के पद रिक्त है और इन
रिक्त पदों के विरूध्द शासन सभी महाविघालयों में अतिथि व्याख्याताओं की मियुक्ति कर अध्यापन कार्य करा रहे हैं । शिक्षण सत्र 2021-22 के लिए जिन अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति स्नातकोत्तर कक्षाओं को पढ़ाने के लिए हुआ था उन सभी अतिथि व्याख्याताओं की सेवा 30 अप्रेल को शासन व्दारा समाप्त कर दिया गया है जिससे स्नातकोत्तर कक्षाओं की पढ़ाई ठप हो गयी है और अतिथि व्याख्याताओं के समक्ष रोजीरोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है इन परिस्थितियों को देखते हुए छ.ग. अतिथि व्याख्याता महासंघ बस्तर संभाग के अध्यक्ष आशीषधर दीवान ने छ.ग. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को ज्ञापन देकर स्नातकोत्तर स्तर के अतिथि व्याख्याताओं की कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ाने की मांग की है । दीवान ने बताया की प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा फरवरी 2022 में संपन्न हुआ है और उसके बाद मार्च माह से व्दितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की पढ़ाई प्रारंभ हुई है और इनका सेमेस्टर परीक्षा जुलाई अगस्त माह में होना संभावित है अभी दोनो सेमेस्टर की पढ़ाई पूरा नही हुआ है और कई कालेजों में इनका आंतरिक परीक्षा भी लेना बाकी है । शासन व्दारा समय से पहले ही अतिथि व्याख्याताओं की सेवा समाप्त कर देने और नियमित प्राध्यापक स्नातक स्तर के परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में लगे होने के कारण स्नातकोत्तर कक्षाओं की सेमेस्टर पढ़ाई पूर्णता बंद हो गयी है जिससे छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है और शासन को इनकी तनिक भी चिंता नही है । दीवान ने यह भी बताया की प्रदेश के अधिकांश शासकीय महाविघालयों में नैक मूल्यांकन की तैयारी चल रही है जिसमें अतिथि व्याख्याताओं की भी सेवा लिया जा रहा था लेकिन उनकी 30 अप्रेल को सेवा समाप्त कर देने के कारण महाविघालय अब अतिथि व्याख्याताओं की सेवा नही ले पा रहा है और वे नैक मूल्यांकन की तैयारी में पिछड़ रहे हैं ।