अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 100 दिन 100 कहानी अभियान के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला पौंसरी में कहानी उत्सव का आयोजन
कहानी सुनाना दुनिया को सबसे प्राचीन शिक्षण उपकरण है। प्राचीन काल से मौखिक परंपरा का उपयोग, ज्ञान, विश्वास, परंपराओं और इतिहास को प्रसारित करने के लिए किया जाता रहा है। कहानी सुनाना किसी की कल्पना को उसके रहने वाले परिवेश या संदर्भ के साथ जोड़ता है, वह वाचक और श्रोता के बीच सार्थक संबंध के लिए आपसी अंतर को दूर करता है। कहानी एक बहुसांस्कृतिक समाज में अनेक लोगों के दिल और दिमाग को छुने के लिए सामान्य आधार बनाता है। छोटे बच्चों को कहानियां बहुत पसंद आती है। स्थानीय बुजुर्गाें से स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने का अवसर मिलने से उनके सुनने की दक्षता का विकास होता है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर 100 दिन 100 कहानी अभियान के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला पौंसरी में कहानी उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम के बुजुर्ग श्री जेठू बारले, श्री गजाधर निषाद, श्रीमती संतरा बाई कोसले, दुर्गा सेन, मीना कोसले व शाला के प्रधान पाठक श्रीमती पुष्प लता नायक, शिक्षिका शिव कुमारी देवांगन, मनीषा वर्मा, लभाष जांगड़े, भारती वर्मा की उपस्थिति में बुजुर्गों के द्वारा साला के बच्चों को ज्ञानवर्धक व शिक्षाप्रद रोचक कहानियां सुनाई गई