नेशनल गेम्स में शामिल होने जा रहे खिलाड़ियों को पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने खेल सामग्री का वितरण किया। खेल का मैदान सीखने की सबसे अच्छी जगह है: बृजमोहन अग्रवाल

गलतियां सबक होती हैं, जीवन को सफलता की ओर लेकर जाती हैं खेलना ही हमारी जिंदगी का लक्ष्य होना चाहिए: बृजमोहन अग्रवाल

नेशनल गेम्स में शामिल होने जा रहे खिलाड़ियों को पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने खेल सामग्री का वितरण किया।   	खेल का मैदान सीखने की सबसे अच्छी जगह है: बृजमोहन अग्रवाल

पूर्व मंत्री एवं विधायक  बृजमोहन अग्रवाल जी के शंकर नगर स्थित सरकारी आवास पर राष्ट्रीय खेलों में शामिल होने वाली महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों की टीमों को जूते एवं बैग का वितरण किया गया। अहमदाबाद में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में इस बार 36 खेलों को शामिल किया गया है। इसमें सामूहिक रूप से खेले जाने वाले खेलों के रूप में सॉफ्ट बॉल की टीम को शामिल होने का अवसर मिला है। जिसमें महिला और पुरुष दोनों टीमें शामिल हो रही हैं। इस अवसर पर दुर्ग, भिलाई, रायपुर, बेमेतरा, कबीरधाम, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, बीजापुर, मुंगेली, रायगढ़ जिलों के 32 खिलाड़ी शामिल हो रहे हैं। पुरुष वर्ग की टीम पिछले आठ वर्षों से राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पदक जीत रही है। इस बार भी टीम की दावेदारी पदक के लिए रहेगी। महिला टीम भी एक बार पदक प्राप्त कर चुकी है। और 45 दिन के शिविर के बाद  एक बार फिर से पदक जीतने के लिए तैयार है। 

पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल जी ने कहा कि हमारा जो खेल का मैदान होता है, सीखने की सबसे अच्छी जगह है, क्योंकि उसमें रेफरी की बात हमको माननी पड़ती है, अम्पायर की बात हमको माननी पड़ती है, अपने कोच की बात हमको माननी पड़ती है। और जब बच्चे में ना सुनने की आदत हो जाती है तो वो बच्चा अपने जीवन में सदैव सफल होता है। जब बच्चा अपनी गलतियां मानने लगता है तो अपनी जिंदगी में सफल होता है। 

 अग्रवाल जी ने आगे कहा कि आजकल के बच्चे तो अपने मां-बाप की भी नहीं सुनते। मां-बाप कोई अच्छी बात बोल दें तो बच्चे नाराज हो जाते हैं। मां-बाप को अनुभव होता है और हमारी उम्र कम होती है, तो हमको लगता है कि नहीं ये तो गलत बोल रहे हैं। परंतु जब हम खेल के मैदान में उतरते हैं और हमारा रेफरी, कोच हमें बोलता है कि तुम गलत कर रहे हो तो हमें मानने की आदत हो जाती है। फिर जिस दिन हमको गलत को गलत मानने की आदत हो गई, हमारे अंदर अनुशासन आ गया तो फिर हम जिंदगी में सफल हो जाएंगे।
 
आगे श्री अग्रवाल ने कहा कि मैं बार-बार ये कहता हूं कि खेल के मैदान में कोई हारता नहीं है, कोई जीतता नहीं है। जो खेलता है वही हारता है, वही जीतता है, जो खेलेगा नहीं वो कहां से हारेगा, कहां से जीतेगा।  
बृजमोहन अग्रवाल ने शायराना अंदाज में खिलाड़ियों का हौसला भी बढ़ाया। 
कहा कि -
गिरते हैं शहसवार (घुड़सवार) ही मैदान-ए-जंग में,
वो तिफ़्ल (छोटा बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले 
उन्होंने कहा कि खेलना ही हमारी जिंदगी का लक्ष्य होना चाहिए। बृजमोहन अग्रवाल जी ने राष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने के लिए टीम के सभी खिलाड़ियों को  शुभकामनाएं दी। 

इस दौरान खिलाड़ियों के साथ अंतरराष्ट्रीय बॉडीबिल्डर संजय शर्मा, अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक अमित वरू,  इंटरनेशनल खिलाड़ी और प्रशिक्षक सियाराम पटेल, राष्ट्रीय पदक विजेता दीनू प्रसाद पटेल, नेशनल मेडलिस्ट भूपेंद्र कुमार साहू, इंटनेशनल खिलाड़ी ओपी शर्मा, इंटरनेशनल खिलाड़ी एवं कोच नेहा जायसवाल समेत खेल दुनिया से जुड़े कई प्रमुख मौजूद रहे।