"धार्मिक समभाव रखने वाली दार्शनिक महारानी अहिल्यादेवी होलकर"

"धार्मिक समभाव रखने वाली दार्शनिक महारानी अहिल्यादेवी होलकर"

"धार्मिक समभाव रखने वाली दार्शनिक महारानी अहिल्यादेवी होलकर" उपरोक्त उदगार डॉ सुभाष चंद्राकर , प्राध्यापक राजनीतिक विज्ञान ,दुर्गा महाविद्यालय ,रायपुर ने नवीन शासकीय महाविद्यालय अमलीडीह में लोकमाता अहिल्यादेवी होल्कर जन्म  त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की आसंदी से बोलते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा की अहिल्यादेवी होलकर की दूरदर्शिता, न्यायप्रियता और सकारात्मक  सोच अनुकरणीय है ।वे ना केवल धार्मिक सोच रखती थीं बल्कि एक सफल प्रशासक  और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी थीं।  डॉ अनिता सरीन - प्राचार्य ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा की महारानी अहिल्यादेवी ने महेश्वर में उद्योग धंधों को भी बढ़ावा दिया जिसके कारण लोगों को रोजगार मिला और महेश्वर का कपड़ा उद्योग विश्व व्यापी बना .कार्यक्रम का प्रारंभ अतिथियों द्वारा पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्या देवी होलकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन  द्वारा किया गया। तत्पश्चात मुख्य वक्ता डॉ सुभाष चंद्राकर द्वारा अहिल्यादेवी होलकर के जीवन वृतांत पर प्रकाश डाला गया ।महाविद्यालय के छात्र तुषार जसवानी ने महारानी अहिल्या देवी पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य वक्त का परिचय डॉ अविनाश कुमार लाल ने दिया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सी बी शर्मा ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीता लाल ने किया ।इस अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक डॉक्टर तनुजा बघेल ,सुश्री नम्रता ध्रुव ,डॉ भूपेंद्र वर्मा भूपेंद्र , डॉ हेमंत सिरमौर , कुमारी अदिति , कुमारी यामिनी और श्री राघवेंद्र ,अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की काउंसलर श्रीमती रिचा रथ सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भारी संख्या में उपस्थित रहे।