फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट पर कार्रवाई: बिना पंजीयन क्लीनिक चलाने पर जुर्माना

क्या है मामला?
एम्स रायपुर परिसर के नजदीक, टाटीबंध इलाके में लक्ष्मी मेडिकल हॉल की दूसरी मंजिल पर यह निजी क्लीनिक संचालित हो रहा था। डॉक्टर खुद को हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था, जबकि उसकी डिग्री न तो छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद में पंजीकृत थी और न ही क्लीनिक का नर्सिंग होम एक्ट के तहत कोई रजिस्ट्रेशन था।
कलेक्टर का आदेश
जारी आदेश में कहा गया है कि बिना पंजीयन के चिकित्सकीय संस्था संचालन नर्सिंग होम एक्ट अधिनियम 2010 और नियम 2013 का स्पष्ट उल्लंघन है। अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत ऐसा कृत्य ₹20,000 तक के जुर्माने के साथ दंडनीय है।
आदेश का मुख्य अंश:
“आपके द्वारा छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान परिषद के बिना पंजीयन के ही स्वयं को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर क्लीनिक खोला गया है और मरीजों को गुमराह किया जा रहा है। यह मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ के समान है। अतः क्लीनिक तत्काल बंद किया जाए और ₹20,000 की जुर्माना राशि डी.डी. के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जमा की जाए।”
स्वास्थ्य विभाग सतर्क
इस कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध पंजीयन के किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सेवा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर कार्यालय की ओर से ऐसे सभी क्लीनिक और नर्सिंग होम की जांच तेज करने के संकेत दिए गए हैं।
कानून तोड़ने वालों पर अब सीधी कार्रवाई
रायपुर में यह मामला मिसाल बन सकता है। प्रशासन अब अनाधिकृत रूप से चल रहे मेडिकल संस्थानों के खिलाफ सीधे जुर्माना और बंदी की कार्रवाई करेगा।