वर्क टू होम के नाम पर शिक्षिका से 6 लाख की ठगी

वर्क टू होम के नाम पर शिक्षिका से 6 लाख की ठगी

राजनांदगांव।राजनांदगांव की एक महिला शिक्षिका इंस्टाग्राम पर “वर्क टू होम” के विज्ञापन में फंसकर साइबर ठगी का शिकार हो गई। ठगों ने शुरू में भरोसा जीतने के लिए उसे छोटे-छोटे टास्क पूरे करने पर 5000 रुपये का भुगतान किया, लेकिन बाद में “वीआईपी मेंबर” बनाकर अधिक कमाई का लालच दिया और धीरे-धीरे उससे 6 लाख रुपये ठग लिए।
टास्क के नाम पर बढ़ती रही ठगी की रकम
प्रार्थिया ने अपनी शिकायत में बताया कि इंस्टाग्राम विज्ञापन देखने के बाद ठगों ने उससे व्हाट्सएप पर संपर्क किया। फिर “ऑनलाइन रिव्यू” और “टास्क” पूरा करने के नाम पर पहले 200, 300, 1100, 710 रुपये जैसे छोटे ट्रांजेक्शन कराए।
इसके बाद महिला को बताया गया कि यदि वह बड़ी रकम जमा करती है तो उसका पैसा “दुगना” होकर वापस मिलेगा। झूठे “स्टेटमेंट” दिखाकर और अकाउंट बैलेंस बढ़ता दिखाने का झांसा देकर ठगों ने उसे लगातार निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
विड्रॉल की मांग पर खुली ठगी की पोल
जब शिक्षिका ने अपने जमा पैसे को निकालने की बात कही तो ठगों ने टालमटोल शुरू कर दी। कुछ समय बाद उसका संपर्क पूरी तरह से तोड़ दिया गया। तब जाकर महिला को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुकी है।
कोतवाली में अपराध दर्ज
पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली पुलिस ने अज्ञात मोबाइल नंबरों, टेलीग्राम लिंक और बैंक खातों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की चेतावनी
राजनांदगांव पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि“किसी भी ऑनलाइन ‘वर्क टू होम’, रिव्यू, या पैसा दुगना करने जैसी योजनाओं में अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। असुरक्षित लिंक, अज्ञात व्हाट्सऐप नंबर या टेलीग्राम चैनल से आने वाले संदेशों पर कभी भरोसा न करें।”ऑनलाइन कमाई के नाम पर ठगी के बढ़ते मामलों से सावधान रहें। याद रखें — “फ्री में कुछ नहीं मिलता, और ज्यादा लालच हमेशा नुकसान देता है।”