रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में हंगामा, अवैध दुकानों पर बवाल
रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक में गुरुवार को बड़ा हंगामा हुआ। भाजपा पार्षद दल ने निगम द्वारा अवैध रूप से बनाई गईं तीन दुकानों को लेकर सत्ता पक्ष पर तीखे सवाल दागे। आरोप है कि निगम ने भू-अभिलेख शाखा की जमीन पर बिना अनुमति के दुकानें खड़ी कर दी हैं। दुकानों को व्यवस्थापन के नाम पर बनाया गया, लेकिन शासन से इसकी मंजूरी तक नहीं ली गई। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्षदों ने भी अपनी ही पार्टी के मेयर इन काउंसिल (MIC) को घेरा, जिससे सत्ताधारी पक्ष पर दबाव बढ़ गया।
निगम अधिकारियों और MIC पर आरोप है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तीन दुकानें अवैध रूप से बनाई गईं, जिससे पार्षदों के बीच गुस्सा फूट पड़ा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अधिकारियों के निलंबन की मांग की, जिसके बाद आयुक्त और सभापति ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
कांजी हाउस का मामला खारिज
सामान्य सभा में एजेंडा क्रमांक 23, जिसमें कांजी हाउस की दुकान के लीज नवीनीकरण का प्रस्ताव था, सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि इस एजेंडे को षड्यंत्रपूर्वक सभा में लाया गया था और इसमें निगम अधिकारियों की मिलीभगत है।
विकास परियोजनाओं पर चर्चा
बैठक में टिकरापारा के नरैया तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 10 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई, जिसे पहले ही मेयर इन काउंसिल की बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। इसके साथ ही खम्हारडीह में नई पानी टंकी के निर्माण और शहर में स्वीपिंग मशीन से सफाई का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी बातचीत की जा रही है।
निगम की इस बैठक में अवैध निर्माण और व्यवस्थापन के मुद्दों पर अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं, जिससे नगर निगम की छवि पर बुरा असर पड़ रहा है।