बिहार में जहरीली शराब से 32 लोगों की मौत, पुलिस प्रशासन पर सवाल
बिहार के सीवान, छपरा और सारण जिलों में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक महिला भी शामिल है। सीवान में अब तक 26 और सारण में 6 लोगों की जान गई है। कई अन्य लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, प्रशासन ने अब तक 24 मौतों की पुष्टि की है।
घटना की शुरुआत 13 अक्टूबर को सीवान के भगवानपुर हाट मेले से हुई, जहां पाउच में अवैध शराब बेची जा रही थी। इस शराब का सेवन करने के बाद कई लोगों की तबीयत अचानक खराब हो गई, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान अब तक 32 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है।
ज्ञात हो कि मशरख क्षेत्र जहरीली शराब के अवैध कारोबार का केंद्र बन चुका है। इससे पहले दिसंबर 2022 में मशरख, अमनौर और मढ़ौरा में जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और छपरा के मशरख थाने के दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही थाना प्रभारी और एएसआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जांच में पता चला है कि सारण और छपरा जिले में जहरीली शराब मिथिलेश नामक व्यक्ति द्वारा बनाई गई थी, जो स्प्रिट से शराब तैयार करता था। मिथिलेश एक पुराने शराब तस्कर के रूप में पहचाना जाता है। इस शराब को पीने से सागरपोखर इलाके के शराब विक्रेता प्रभुनाथ राम की भी मौत हो गई है।
आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अवैध शराब का कारोबार सरकार के संरक्षण में हो रहा है। उन्होंने कहा, "बिहार के हर व्यक्ति को पता है कि राज्य में शराब की होम डिलीवरी हो रही है, लेकिन सरकार इसे जानबूझकर नजरअंदाज कर रही है।"
इस घटना ने राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब के बढ़ते कारोबार और उससे होने वाली मौतों को लेकर प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।