पंख होते तो
मोना चन्द्राकर मोनालीसा रायपुर छत्तीसगढ़

पंख होते तो आकाश में उड़ जाती
और वही अपनी छोटी सी दुनिया बसा लेती
मैं वापस धरती पर ना आती
जहां इंसान इंसान से डरता है
पंख होते तो तारों की सैर करती
और वहां का खूबसूरत नज़ारा देखती
धरती पर तो अपराध और पाप
का ही नज़ारा देखने मिलता है
पंख होते तो तितली बन फूलों पर मंडराती
सुंदर फूलों का मधुरस बनाकर इंसानों को देती
जिससे उनकी कड़वी ज़बान मीठी हो जाती
और वो सब एक दूसरे से मीठी मीठी बातें करते