Ipl 2023 शायद महेन्द्र सिंह धोनी का आखिरी आईपीएल हो सकता है आइए एमएसडी के क्रिकेट करियर पर थोड़ी नजर डालते हैं
महेंद्र सिंह धोनी
मुझे अभी तक याद है ,वो 21-22 साल का लड़का ,लंबे लंबे और भूरे भूरे बाल वाला ,जो अपने चौको छक्कों के लिए घरेलू मैदान में ख्याति हासिल कर ,अंतर्राष्ट्रीय मैदान में अपना पर्दापण 2004 में करता है । पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ लेकिन शुरुआत अच्छी नहीं होती, लेकिन आज, वे अपना क्रिकेट करियर का अंत ,ढेर सारे चाहने वालों ,एक महान भारतीय क्रिकेट कप्तान, ढेर सारे रिकॉर्डस और एक दिग्गज खिलाड़ी के रूप में करने जा रहे है। जी हां, हम बात कर रहे हैं महेंद्र सिंह धोनी की जो क्रिकेट माहेशमति के ऐसे बाहुबली हैं जो अधिकांश मैच के अनहोनी परिस्थिति को भी होनी में तब्दील कर देने का साहस रखते है। क्रिकेट पिच हो या क्रिकेट का मैदान उनकी मौजूदगी ही लोगो के दिलो में विश्वास भर दिया करती थी की भारत मैच जीत जायेगा या चेन्नई सुपरकिंग्स मैच जीत जायेगा। झारखंड के छोटे से शहर रांची से निकाला यह बेशकीमती प्रतिभा आज पूरे विश्व में अपने क्रिकेट कौशल के बुनियाद पर चमक रहा है । एमएसडी की गली क्रिकेट से लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट तक का सफर या कहे टेनिस गेंद से लेकर ड्यूज गेंद तक का सफर बेहद ही प्रेरणादायक है। मैदान में इनकी रणनीतियां इतनी सटीक होती की सेट हुआ बल्लेबाज भी पवेलियन की रह पकड़ लेता, क्रिकेट में डीआरएस नामक तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमे संदिग्ध निर्णय में उपयोग किया जाता है जो धोनी रिव्यू सिस्टम के नाम से प्रचलित है इसका कारण यही है की अंपायर जब कोई अपील नकार देता और एमएसडी डीआरएस ले लेते तो 98 प्रतिशत संभावना होती की निर्णय धोनी के पक्ष में ही जाता।
बात 2007 की जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का नया नवेला प्रारूप T-20 विकसित हो रहा था। जिसका पहला वर्ल्ड कप टूर्नामेंट दक्षिण अफ्रीका में खेला जाना था। इसके लिए बीसीसीआई ने नव जवान खिलाड़ियों की टीम बनाई और महेंद्र सिंह धोनी को उनका कप्तान बना दिया गया।किसी को उम्मीद नहीं थी की यह टीम मैचेस जीत पाएगी लेकिन उनकी टीम ने वर्ल्डकप जीतकर दिखा दिया। इसके बाद धोनी को बाकी प्रारूपों के कप्तान नियुक्त कर दिया गया। उनकी कप्तानी में भारत ने एक दिवसीय एशिया कप 2010,2016 और 2018 में तीन बार विजेता तथा 2008 में उपविजेता रहे।इन्ही की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद अपने ही घर में विश्व कप 2011 भी अपने नाम किया ।साथ ही 2013 की एकदिवसीय विश्व चैंपियनशिप ट्रॉफी इंग्लैड को हराकर अपने नाम की। 2008 से भारत में शुरू हुई आईपीएल का अब तक 15 वा संस्करण सफलता पूर्वक आयोजित हो चुका है ।जिसमे 4 संस्करण चेन्नई सुपरकिंग्स ने अपने नाम की है और सबसे ज्यादा फाइनल्स खेलने का रिकॉर्ड भी इसी टीम के नाम है जिसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी है।
धोनी को सिर्फ उनकी कप्तानी ही नहीं उनकी बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग योग्यता के लिए भी जाना जाता है कोई नही भूल पाएगा उनकी विश्वकप 2011 फाइनल्स में श्रीलंका के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम,मुंबई में नाबाद 91 रनों की पारी जिसे अपने ही चिर परिचित अंदाज से छक्का मार कर मैच जीता जाते हैं और मैन ऑफ द मैच पुरस्कार का हकदार भी बनते हैं। इसके अलावा श्रीलंका के ही खिलाफ 2005 में जयपुर में 10 छक्कों और 15 चौको के साथ 145 गेंदों में नाबाद 183 रनों की पारी अद्भुत थी यही नहीं एमएसडी को पहचान दिलाने वाली 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापटनम में 123 गेंदों में 14 चौके और चार छक्कों की मदद से 145 रनो की पारी आश्चर्यजनक थी यही वो पारी थी जिसने धोनी को नाम दिया पहचान दिया।अगर हम विकेट कीपिंग में प्रदर्शन देखें तो उनके रणनीतिक शैली पैर से बॉल रोकने की ,बिना देखे रन स्टंपिंग रन आउट करने की ,विरोधी बल्लेबाजों को स्टंप्स के पीछे कंफ्यूज करने की रणनीति शामिल है साथ ही तेजी से स्टंपिंग करने की कला में महारत हासिल है यही सारी खूबियां एमएसडी के विकेट कीपिंग करियर को एक नया मुकाम और ऊंचाई देती गई। आईपीएल में एमएसडी की जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है चेन्नई के प्रशंसक उन्हें थाला के नाम से संबोधित करते है जिसका मतलब होता है लीडर या बड़ा भाई ।आईपीएल में धोनी के कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने चार सीजन के खिताब अपने नाम किए यह सिर्फ अच्छी कप्तानी के साथ अच्छी बैटिंग और अच्छी विकेट कीपिंग का ही नतीजा है।इसके अलावा खिलाड़ियों की छुपी प्रतिभाओं को तराशना उन्हें बखूबी आता है नए खिलाड़ियों को आगे रखना उन्हें ज्यादा से ज्यादा मौके देना उनकी कप्तानी की बहुत बड़ी विशेषता है।एमएसडी वो जोहरी है जिनकी नक्काशी से विराट कोहली,रोहित शर्मा जैसे हीरे की तरह मूल्यवान बल्लेबाजी प्रतिभाओं को तराशा जिसका परिणाम वर्तमान में भारत का सभी प्रारूपों में पहले पायदान में होने के रूप में मिला।इसके अलावा हार्दिक पंड्या, ,दीपक चहर , शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी भी एमएसडी की कप्तानी में ही निखरे हैं।अभी नवयुवक खिलाड़ियों में ऋतुराज गायकवाड,मुकेश चौधरी जिन्होंने पिछले आईपीएल में बहुत ही जबरदस्त प्रदर्शन किया। हर खिलाड़ी चाहे उनकी टीम से हों या अन्य टीम से हो घरेलू खिलाड़ी हो या अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी हो सभी एमएसडी के मुरीद हैं ।उनका शांत स्वभाव उन्हें कैप्टन कूल की संज्ञा देता है ।मैच में कैसी भी परिस्थिति हो एमएसडी का स्वभाव सभी के लिए एक जैसा ही होता है।आईपीएल में एमएसडी का कई ऐसी यादगार पारियां रही है जिसमे हार के मुंह से जीत को छीन ले आए थे। घरेलू मैच से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मैच हार क्षेत्र में एमएसडी का अतुलनीय योगदान रहा है।इसी योगदान के लिए एमएसडी को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित तीन राष्ट्रीय पुरस्कार अर्जित किए इनमे 2018 में मिले पद्मभूषण पुरस्कार,2009 में पद्मश्री और 2008 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न का सर्वोच्च सम्मान हासिल किया। इसके अलावा आईसीसी बीसीसीआई की तरफ से विभिन्न प्रकार के खेल सम्मान इन्हे प्राप्त हुए है।साथ ही गैर क्रीड़ा संस्थाओं ने एमएसडी को सम्मान से अलंकृत किया जिनमें मेजर की मानद उपाधि मुख्य है जिसके लिए एमएसडी ने बकायदा ट्रेनिंग भी ली।यह टाटा आईपीएल 2023 जो आईपीएल का 16वा संस्करण महेंद्र सिंह धोनी का आखिरी आईपीएल होने वाला है । पिछले आईपीएल में रवींद्र जडेजा को कप्तानी थमा कर उन्हे पल पल निर्देशित करते रहे । 41 साल की उम्र हो चुकी है लेकिन एमएसडी में खेल के प्रति वही जोश और जुनून देखने को मिलता है जो जुनून उन्होंने पर्दापण करते वक्त दिखा करता था। अभी भी उनमें लंबे लंबे छक्के लगाने का साहस इस खिलाड़ी के अंदर देखने को मिलता है।इस बार का आईपीएल बहुत ही खास होगा क्योंकि विश्व के क्रिकेट प्रेमी एमएसडी की मैदान में मौजूदगी को शायद आखिरी बार अनुभव करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सन्यास लेने के बाद अब शायद पूरी तरह से क्रिकेट को अलविदा कर देंगे।यह आईपीएल का सोलहवां संस्करण एमएसडी की विदाई संस्करण की रूप में जाना जा सकता है दिलचस्प यह होगा क्या इस संस्करण में चेन्नई सुपरकिंग्स ट्रॉफी उठाकर एमएसडी को एक जबदस्त बिदाई गिफ्ट देते है या नही ? एमएसडी का एक प्रिय गीत था जिसे मशहूर गायक शैलेंद्र ने गया था "मैं पल दो पल का शायर हूं पल दो पल मेरी जवानी है " इसी सोच के साथ सच में एमएसडी मैदान में बेबाक बेखौफ क्रिकेट खेला और खेल प्रेमियों के दिल में एक विशेष जगह बनाई। सच में महेन्द्र सिंह धोनी के बिना क्रिकेट मैच थोड़ी अधूरी सी लगेगी।