अखिल भारतीय कुर्मी महासभा के 45 वें महाअधिवेशन में गुजरात के कुर्मी पाटीदारों द्वारा अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय व्ययस्थापन
45 वें अधिवेशन को माना जायेगा अब तक का सबसे सफल आयोजन आप भी पढ़ें हम ऐसा क्यों कह रहे!
1- महाधिवेधन के बारे में- अखिल भारतीय कुर्मी महासभा एवं अखिल भारतीय कुर्मी पाटीदार महासभा, गुजरात द्वारा आयोजित 45 वें महा अधिवेशन, सीता स्वयंवर एवं प्रथम व्यापार शिखर सम्मेलन विसनगर, जिला मेहसाना (गुजरात) में विगत 15-16 अप्रैल 2023 को संपन्न हुआ। इस महाअधिवेशन में गुजरात के मुख्य मंत्री माननीय भूपेंद्र भाई पटेल, पूर्व गृहमंत्री गोवर्धन झड़फिया, पूर्व मुख्यमंत्री नितिन पटेल, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपला, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एवं माननीय राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, प्रदेश अध्यक्ष सांसद विजय बघेल, मेहसाना सांसद शारदाबेन पटेल, डॉक्टर लता वानखेड़े पूर्व आयोग अध्यक्ष मध्य प्रदेश कैबिनेट मंत्री दर्जा एवं मध्य प्रदेश महिला अध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष व्ही. एस. निरंजन (पूर्व आईएएस) ने किया। इसके अलावा महासभा संगठन से प्रमुख रूप से देश के 23 राज्यों को जोड़ने वाले संरक्षक एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एलपी पटेल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजीभाई पटेल, राष्ट्रीय मंत्री बीपी पटेल, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष लता ऋषि चंद्राकर, महासचिव मनीषा गौर, युवा अध्यक्ष धीरज पाटीदार, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बी एल वर्मा, महिला कोषाध्यक्ष ममता पटेल, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष एवं आयोजक सतीश भाई पटेल, सलकनचंद यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रकाश भाई पटेल, उत्तर प्रदेश से एमएलसी कांति सिंह, व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष धनंजय वर्मा, महाराष्ट्र प्रदेश से मंगेश देशमुख, अध्यक्ष संजय पटेल सहित 200 से अधिक लोग के साथ मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय युवा महासचिव अरुण पटेल, प्रदेश महासचिव जीएल पटेल सहित 300 से अधिक लोग, झारखंड से प्रदेश अध्यक्ष एवं 100 से अधिक लोग, उत्तर प्रदेश से अध्यक्ष सहित 500 लोग, छत्तीसगढ़ से 150 लोग , राजस्थान से 80, दिल्ली से 50 लोग सहित 23 राज्यों से 6000 से अधिक समाज जन एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे।
2- सांस्कृतिक आदान- प्रदान - गुजरात समिति द्वारा अनूठा प्रयास किया गया समस्त मेहमानों को विसनगर के आस-पास के गांवों में स्वजातिय परिवारों के घर होम स्टे करवाया गया गुजरात की संस्कृति खान-पान, रहन-सहन से रूबरू होने का मौका समाज जनों को मिला जो अदभुत एवं अविस्मरणीय रहा मेजबानों ने अप्रत्याशित उत्तम मेजबानी की और अलग-अलग तरह के देश के अलग-अलग क्षेत्र से आए व्यापारियों द्वारा व्यापार की प्रदर्शनी कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई तथा नए व्यापार के गुर लोगों ने सीखे। इसके अलावा करोड़ों की व्यवसाय डील भी व्यापारियों ने की।
3- सीता स्वयंवर - सीता स्वयंवर में वधु द्वारा वर चयन का अनूठा प्रयोग किया गया; जिसमे 200 से ज्यादा वर वधु ने भाग लिए। वधु को वर पक्ष के परिवार को समझने कुछ दिन परिवार के बीच रहने मिलने का अनूठा प्रयत्न भी किया गया ताकि वधु को पूर्ण सहज होने का मौका मिले तभी शादी की जाए।
4- कूर्मि चेतना पञ्चाङ्ग, कूर्मि पुरोहित एवं सामाजिक स्मारिका- कार्यक्रम स्थल में समाज प्रेमियों और इतिहास की रुचि रखने वाले के लिए सामाजिक स्मारिका 2023, कूर्मि चेतना पंचांग 2023, कूर्मि पुरोहित की जानकारी के लिए स्टाल लगाए गए। ज्ञातव्य हो कि प्रचांग में न केवल तिथियों का ही उल्लेख है; बल्कि कूर्मि समाज की गौरवशाली इतिहास, समाज की समेकित विकास हेतु कार्ययोजना, विभिन्न प्रदेशों के पदाधिकारियों की जानकरियों के साथ समाज विकास संबंधी कई महत्वपूर्ण तथ्यों का भी समावेश किया गया है। पंचाग में आपके दैनिक उपयोग संबंधी जानकारियां जैसे पंचक, मुहूर्त, मूल, गृह प्रवेश, कुण्डली मिलान इत्यादि बातों को भी बखूबी रेखांकित किया गया है। यह पंचांग हर चिंतनशील कूर्मियों के पढ़ने एवं संग्रहित करने योग्य है। कूर्मि चेतना पंचांग मंगवाने के लिए कूर्मि बी. आर. कौशिक, मार्केटिंग प्रमुख कूर्मि चेतना पंचाग (मो. न. 7000992193, 9424153582) अथवा कूर्मि डॉ. विश्वनाथ कश्यप, संपादक- कूर्मि चेतना पंचाग (मो. न. 9981133752) से संपर्क करते हुए पंचाग की प्रति प्राप्त कर सकते हैं।
5- गुजरात के कुर्मी पाटीदार समाज के तरक्की का मूल मंत्र- लगभग सभी वक्ताओं ने सरदार पटेल जी के मूल सिद्धांतों, मुख्य रूप से शिक्षा की बात, जन भागीदारी एवं को–ओप्राटिव कल्चर मॉडल को बताया। उमिया माता मंदिर जो कुर्मी पाटीदारों की कुल देवी हैं क्षेत्र के उंझा में बड़ा मंदिर एवं ट्रस्ट है, जिसका संचालन समाज के पाटीदार द्वारा किया जाता है और ट्रस्ट के पैसों का उपयोग भी समाज सेवा, शिक्षा जरूरतमंद की मदद में ही किया जाता है। सलकनचंद विश्व विद्यालय जहां कार्यक्रम हुआ वह भी एक को–ओप्राटिव कल्चर मॉडल का उदाहरण माना जाता है, जहां बहुत कम फीस में शिक्षा दी जाती है। जिनके नाम यूनिवर्सिटी है सलकनचंद जी द्वारा कई को–ओप्राटिव कल्चर मॉडल की मंडी, व्यापार संगठन और शिक्षा संगठन बनाए, जिससे पूरे क्षेत्र के समाज को शिक्षित एवं समृद्ध बन गए। इस यूनिवर्सिटी में सुपर कंप्यूटर भी है।
6- कार्यक्रम से सीख- पूरे देश के कूर्मियों द्वारा कार्यक्रम के बारे में लिखे गए अपने विचार इस कार्यक्रम की सफलता की कहानी बयां करते हैं कि गुजरात कुर्मी पाटीदार क्यों सफल हैं? उसका राज भी पता चलता है! जहां एकता है, सहयोग की भावना है, वहाँ सफलता मिलती ही है। विसनगर और आस-पास के गांवों जैसे आम तहसील में आप क्या कल्पना करेंगे एक सुपर कंप्यूटर वाली यूनिवर्सिटी, बड़ी-बड़ी कंपनी की फेक्ट्रियां, बड़ी-बड़ी अनाज – मसाला मंडियां, बड़े-बड़े मॉल, हर मोहल्ले में 40 फीट चौड़ी रोड और बड़े-बड़े बंगले, हजारों बच्चों को रहने के लिए हॉस्टल एवं कोचिंग संस्थान, उमिया माता धाम, सरदार धाम, विश्व उमिया धाम जैसे बड़े-बड़े संस्थान, खेती से लेकर हर क्षेत्र में वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग और आप सबको जानकर हैरानी होगी कि इनमे से एक भी कार्य अकेले नहीं हुआ। यह सब को–ऑपरेटिव मॉडल के तहत ही बनाए गए; जिसमे सोसायटी, ट्रस्ट, एनजीओ, एफपीओ बना कर ही किया गया, जो आज इस छोटे से तहसील में कुर्मी पाटीदारों की सफलता की कहानी बताता है। समाज को इनको फोलो करना चाहिए अपने पैसे को आपस में मिल कर ट्रस्ट बना कर कार्य में जुट जाना चाहिए और दान भी उसमे ही किया जाना चाहिए। उससे ही शिक्षण संस्थान हॉस्टल, व्यापार के लिए ऋण, अनाज बेचने के लिए FPO, यहां तक की मंदिर भी अपने कुल देवी देवता का ही बनाना चाहिए। जब मैं उंझा उमिया माता धाम में समाज के ही सेवादार हैं और जिनको 12000 रुपए दिए जाते हैं माता की सेवा के लिए, सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पैसे दान पेटी में या फिर काउंटर में रसीद कटवा कर प्रसाद ले सकते हैं। फिर पैसे ट्रस्ट में जाता है ;जिसके ट्रस्टी पाटीदार हैं और उसका पैसा समाज के कार्यों में ही उपयोग होता है। किसी भी तरह की कथाओं में कोई पैसे खर्च या दान नहीं किए जाते और समाज के ट्रस्ट को ही दान दिया जाता है। आज से 100 सालों की समाज सेवी कार्य योजना बनाई जा चुकी है। आस-पास बहुत बड़ा 1000 कमरे का होटल की सुविधा जैसे हॉस्टल है, जहां लोग रुकते हैं। लगभग 300-400 रुपए प्रतिदिन और 50 रुपए में भरपेट खाना उपलब्ध रहता है। यही मॉडल पूरे विश्व में उमिया धाम में है। इसका पैसा खर्च शिक्षा, गरीबों , दुर्घटना के लिए, कैंसर के इलाज, व्यापार एवं अन्य समाज सेवी गतिविधियों में दिया जाता है कोरोना में उमिया धाम ट्रस्ट ने पूरे विश्व में अपनी एक पहचान समाज सेवा में बनाई थी। पाटीदारों की राजनीति में पकड़, उनकी इसी आपसी सहयोग और सेवा भाव को माना जा सकता है। यह एक अविस्मरणीय यात्रा रही जिसे पूरे देश के कुर्मी को समझना चाहिए और इसे अपने क्षेत्र में इसको मूर्तरूप देना चाहिए।
इस महाधिवेशन में पधारे समस्त कुर्मी पाटीदार समाज जनों मेहसाना विसनगर एवं गुजरात आयोजन समिति के श्री सतीसभाई पटेल और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री व्ही एस निरंजन जी ने आभार प्रकट किए।
भवदीय,
कूर्मि अरुण पटेल, (राष्ट्रीय युवा महासचिव)
कूर्मि प्रशांत पटेल (कूर्मि आईटी सेल प्रमुख)
डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल
राष्ट्रीय प्रवक्ता-अखिल भारतीय कूर्मि महासभा
पूर्व प्रदेश महासचिव,- छत्तीसगढ़ कूर्मि चेतना मंच, बिलासपुर
राष्ट्रीय युवा पुरस्कार विजेता- भारत सरकार (2007-08)