छत्तीसगढ़ में हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था चौपट
छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल से शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो गई है. सभी स्कूलों में तालाबंदी है. बच्चे निराश होकर घर लौट रहे हैं. शिक्षा अधिकारियों की अपनी अलग ही दलील है.

छत्तीसगढ़ में 25 जुलाई से सरकारी कर्मचारी पांच दिवसीय हड़ताल पर हैं. केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरह डीए और एचआरए की मांग को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं. इस हड़ताल से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. वर्तमान में सरकारी स्कूलों में पूर्ण तालाबंदी जैसी स्थिति है. स्कूलों में ताला खोलने वाला तक कोई कर्मचारी मौजूद नहीं है. बच्चे स्कूल पहुंच तो रहे हैं लेकिन बिना पढ़े घर वापस लौट रहे हैं. कुछ बच्चे स्कूल परिसर में ही यहां वहां टहल कर किसी तरह समय गुजार रहे हैं. कोरोना काल के बाद शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हुई थी, जिसकी भरपाई का प्रयास किया जा रहा था. लेकिन हड़ताल से एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है.
स्कूलों की बात करें तो यहां जितने भी शिक्षक नियमित हैं, वह हड़ताल में शामिल हैं. जबकि ऐसे शिक्षक जो अंशकालिक या अतिथि शिक्षक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वह हड़ताल में शामिल नहीं है. क्योंकि उन्हें पीरियड के हिसाब से मेहनताना दिया जाता है. ऐसे स्कूल जहां अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं, वहां इक्का-दुक्का कक्षाएं लगने की सूचना जरूर है.