अतिथि व्याख्याता नीति-2024 की कंडिका-5.4 में तहत् छत्तीसगढ़ मूल निवास अनिवार्य करने एक दिवसीय नवा रायपुर तुता में धरना प्रदर्शन किया गया।

[19:18, 17/8/2025] +91 83588 69412: राज्य सरकार द्वारा अतिथि व्याख्याता नीति-2024 को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत कर उक्त नीति पर दिनांक 19 जून, 2024 (आयटम क्रमांक 10.06) द्वारा अनुमोदन प्राप्त किया गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के सभी शासकीय महाविद्यालयों में अतिथि व्याख्याताओं के माध्यम से अध्यापन कार्य संचालित हो रहा है। अतिथि व्याख्याता नीति 2024 के कण्डिका क्रमांक 5.4 में लिखा गया है कि छत्तीसगढ़ के मूल निवासी को प्राथमिकता दी जायेगी, परन्तु यह देखा गया है कि राज्य से ज्यादातर महाविद्यालयों में छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को प्राथमिकता नहीं दिया जाता है जो कि अतिथि व्याख्याता नीति 2024 की सीधे-सीधे अवहेलना है। अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में छत्…
[19:18, 17/8/2025] +91 83588 69412: छत्तीसगढ़ मूलनिवास अतिथि व्याख्याता संघ की ओर से छत्तीसगढ़ के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन के माध्यम से बताया कि उक्त विषयांतर्गत अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में राज्य के मूल निवासी शिक्षित युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अतिथि व्याख्याता नीति 2024 के कंडिका क्रमांक 14.7 एवं 14.10 के तहत कंडिका 5.4 में संशोधन करते हुए छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता शब्द का अक्षरश: पालन करते हुए केवल राज्य के योग्य अभ्यर्थियों को ही मौका दे।
कवर्धा. राज्य के महाविद्यालयों में अभी भी व्याख्याता पद पर अन्य राज्य से आए पीएचडी धारकों को अतिथि व्याख्याता बनाए गए है। मतलब अतिथि व्याख्याता नीति 2024 का पालन नहीं हो रहा रहा है। इसके चलते ही छत्तीसगढ़ मूलनिवास अतिथि व्याख्याता संघ द्वारा कॉलेज में व्याख्याता पद पर स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग की गई।
इस संबंधित में छत्तीसगढ़ मूलनिवास अतिथि व्याख्याता संघ की ओर से राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन के माध्यम से संघ के पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय महाविद्यालयों में बड़ी संख्या में अतिथि प्राध्यापकों द्वारा अध्यापन कार्य संचालित हो रहा है।
संघ के अध्यक्ष लवकुमार वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता नीति-2024 के कंडिका 5.4 में यह उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन इसका पूरा लाभ छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को नहीं मिल रहा है। वर्तमान में इस व्यवस्था के अंतर्गत केवल समकक्ष योग्यता में भी अभ्यर्थियों को वरीयता नहीं दी जा रही है जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासियों युवाओं को पूर्ण लाभ नहीं मिल रहा है। अन्य राज्य से आए पीएचडी धारकों द्वारा बड़ी संख्या में अतिथि व्याख्याताओं के पदों पर कब्जा है। जबकि राज्य के मूल निवासी युवा नेट, सेट व एम फि ल कर बेरोजगार बैठे हैं। ऐसे में राज्य में काम होते हुए भी राज्य के युवा बेरोजगार रहेंगे तो पूरे युवा वर्ग में शिक्षित बेरोजगारी का नकारात्मक संदेश जाता है जो अनेक दृष्टिकोणों से चिन्ता का विषय है जिसे गंभीरता से लेने की आवश्यता है।
[19:18, 17/8/2025] +91 83588 69412: संघ के अध्यक्ष ने बताया कि अतिथि व्याख्याताओं के चयन में ऐसी व्यवस्था अपनाई जाए जिससे राज्य के मूल निवासी युवाओं को गैरराज्यीय अतिथि व्याख्याता अभ्यर्थियों की तुलना में वरीयता दी जाए। छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिल सके। यदि राज्य के मूल निवासी अतिथि व्याख्याता अभ्यर्थियों की मेरिट सूची में पीएचडी, नेट, सेट, एम फिल योग्यताधारियों को सूची में पहले प्राथमिकता दी जाए। मूल निवासी अभ्यर्थी उपस्थित नहीं होने की स्थिति में गैर राज्यीय वांछित योग्यता वाले युवाओं को अवसर दिया जाए जिससे राज्य में युवाओं में शासन-प्रशासन के प्रति वैचारिक संतुष्टि बना रहेगा