महाविद्यालय अतिथि व्याख्याता की स्थिति सुधार हेतु मांग
छत्तीसगढ़ में जब से छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री बने हैं, तब से इस राज्य के युवा अपने मुखिया से विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्ति की आस लगाए बैठे हैं। ताजा मामला महाविद्यालय अतिथि व्याख्याता का है। जो कुछ महीने बाद बेरोजगार के श्रेणी में आ जाएंगे प्रदेश भर में सेवा प्रदान कर रहे अतिथि व्याख्याता की व्यवस्था प्रति वर्ष उच्च शिक्षा विभाग द्वारा महाविद्यालय में प्राध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए 6 माह तक व्यवस्था की जाती है यह अवधि शैक्षणिक सत्र के अनुसार बहुत ही कम है 6 माह समाप्त होने के बाद उन्हें महाविद्यालय से सेवा मुक्त कर दिया जाता है विभिन्न राज्यों में जहाँ उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं के लिए एक सम्मानजनक एवं न्यायोचित व्यवस्था वहाँ की सरकारों ने किया है वहीं दूसरी ओर हम छत्तीसगढ़ राज्य के अतिथि व्याख्याता अपनी मांगो को लेकर विगत 11 वर्षों से संघर्षरत है। प्रदेश के अतिथि व्याख्याताओं द्वारा 12 माह की पूर्णकालिक अवधि तक कार्य के साथ एकमुश्त मानदेय की व्यवस्था एवं . सीधी भर्ती / स्थानांतरण / पदोन्नति से नियमित सहायक प्राध्यापक की पदस्थापना होने पर अतिथि व्याख्याताओं को जॉब सुरक्षा की मांग की जा रही है ।इस सम्बंध में प्रदेश भर के अतिथि व्याख्याता मुख्यमंत्री, उच्चशिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त एवं प्रदेश भर के विधायकों से मुलाकात कर प्रदेश के अतिथि व्याख्याताओ की स्थिति में सुधार की मांग की है। लेकिन 11 वर्ष से संघर्ष कर रहे इन युवाओं की व्यवस्था में सुधार हेतु आवश्यक पहल नही किया गया है इस सम्बन्ध में जब महाविद्यालय अतिथि व्याख्याता समूह के प्रदेश अध्यक्ष लव कुमार वर्मा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता समूह छत्तीसगढ द्वारा लगभग 60 से 70 बार मुख्यमंत्री निवास कार्यालय रायपुर में हमारे द्वारा भेंटवार्ता के संबंध में पत्र दिया गया किन्तु अब तक वहाँ से किसी प्रकार की कार्यवाही नही की गयी अध्यक्ष महोदय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याताओं के बहुप्रतीक्षित एवं जायज मांगो को पूर्ण करने की कृपा करें जिससे हम महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याताओं के साथ न्याय हो सके और हम सभी छत्तीसगढ़िया महाविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता तनावमुक्त होकर अध्यापन कार्य कर सकें और साथ ही साथ अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें और प्रदेश देश के विकास में अपना सहयोग दे सके।