छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद को दिया जा रहा है बढ़ावाः संसदीय सचिव यू. डी. मिंज संसदीय सचिव यू. डी मिंज ने की छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शुरूआत
महिलाओं ने रस्साकसशी में दिखाया दम बढ़चढ़ कर लिया छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों में भाग, बच्चों में भी दिखा उत्साह
जशपुर :-
तीज त्यौहार, लोक संस्कृति, लोक कला को बढ़ावा देने के बाद अब छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को भी वैश्विक पहचान दिलाने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत हो चुकी है। कुनकुरी में संसदीय सचिव यू. डी मिंज ने आज मिनी स्टेडियम कुनकुरी में इसकी शुरूआत की।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों की शुरूआत क़े इस अवसर पर संसदीय सचिव यू. डी. मिंज ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति व सभ्यता और विशिष्ट पहचान यहां की ग्रामीण परंपराओं और रीति रीवाजों से है।
इसमें पारंपरिक खेलों का विशेष महत्व है। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के इन खेलों को लोग भूलते जा रहे थे। खेलों को चिरस्थायी रखने, आने वाली पीढ़ी से इनको अवगत कराने के लिए छत्तीसगढ़ियां ओलंपिक खेलों की शुरूआत की गई है। छत्तीसगढ़ के ये खेल मनोरंजक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इन खेलों से बच्चे, बुजुर्ग व युवा सभी व्यायाम आदि शारीरिक गतिविधियों से जुड़ते हैं। संसदीय सचिव यू. डी मिंज ने कहा हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सोच है कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया। पहली बार यह प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा, खानपान, लोक कला, संस्कृति, खेलकूद को बढ़ावा देने और उसे छत्तीसगढ़ के बाहर भी पहचान दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि
कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए खेलकूद को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
*छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरुआत में आज कुनकुरी में ग्रामीण महिलाओं ने रस्साकस्स्सी में अपना दम दिखाया. ग्रामीण महिलाओं जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक थी की टीम ने जनपद अध्यक्ष
जनपद अध्यक्ष श्रीमती अंजना मिंज
की टीम को रस्साकस्सी में पछाड़ दिया, वहीँ आज इस खेल में संसदीय सचिव यू डी मिंज ने भी फिटुल खेलकर अपना भाग्य आजमाया. आज इस आयोजन में महिलाओं और बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. आज इस आयोजन में सभी बच्चे बने नजर आ रहे थे. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभारंभ अवसर पर सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण खिलाड़ी और गणमान्य नागरिक और बच्चे भी उपस्थित थे*