Uttar Pradesh महराजगंज विसर्जन जुलूस में पत्थरबाजी के बाद व्यक्ति की गोली मारकर हत्या, देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी, थाना इंचार्ज और चौकी प्रभारी निलंबित
बहराइच। बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए पथराव और फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल है. इस मामले में सीएम योगी के निर्देश के बाद थाना इंचार्ज और चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. मामला हरदी थाना इलाके के रेहुआ मंसूर गांव का है. यहां रविवार की शाम मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के लिए निकली थी. जुलूस जब महराजगंज बाजार में पहुंचा और लोग जयकारा लगाते हुए अब्दुल हमीद के घर के सामने से जा रहे थे. इसी दौरान अज्ञात लोगों ने मूर्तियों पर पथराव शुरू कर दिया. इतना ही नहीं पथराव के बीच में ही उपद्रवियों ने फायरिंग भी कर दी. इनमें रेहुआ मंसूर गांव के ही रहने वाले राम गोपाल मिश्रा (22 साल ) पुत्र कैलाश नाथ को गोली लग गई, जबकि एक अन्य शख्स भी घायल हो गया।
विसर्जन जुलूस में शामिल रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या के बाद विरोध तेजी से बढ़ा। महराजगंज की घटना के विरोध में पूरे बहराइच जिले में बवाल बढ़ गया है। देर रात तक प्रदर्शन और जगह-जगह आगजनी होती रही। इस बीच पुलिस व प्रशासन बैकफुट पर नजर आया। डीजीपी की सख्ती के बाद देर रात हरदी थाना प्रभारी और महसी चौकी प्रभारी को निलंबित किया गया। एक साथ पूरे जिले में विरोध शुरू होने पर आला अधिकारी भी सकते में नजर आए।गायघाट पर भी रविवार देर रात पूजा समितियों ने प्रतिमाओं का विसर्जन रोक दिया। डीएम-एसपी पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया। स्टीलगंज तालाब मार्केट के पास गाड़ी में आग लगा दी। अस्पताल चौराहे पर लगे बैनर गिराकर आग के हवाले कर दिया। पूजा समितियों के साथ ही स्थानीय लोग और परिजनों का गुस्सा देख पुलिस के भी पसीने छूट गए। हालत यह रही कि मेडिकल कॉलेज के बाहर हो रहे प्रदर्शन में भी किसी पुलिस अधिकारी ने पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटाई। देर रात महसी विधायक ने किसी तरह से परिजनों को समझाया और जाम समाप्त हुआ।घटना के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि गाने को लेकर जब दूसरे समुदाय की ओर से गाली गलौज की गई तो पुलिस व प्रशासन के जिम्मेदार मूकदर्शक बने रहे। आरोप है कि मौके पर एसओ मौजूद भी नहीं रहे। आरोप है कि जब पथराव हुआ और पूजा समितियों के लोगों ने प्रदर्शन किया तो पुलिस ने उनपर ही लाठी चार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को घर में उठा ले गए, जहां उनके साथ बर्बरता के बाद गोली मार दी गई।