डी.एन.ए. टेस्ट से साबित हुआ अनावेदक, आवेदिका का पिता नहीं, प्रकरण नस्तीबद्ध । बुजुर्ग महिला को चारों भाईयों ने वार्षिक भरण-पोषण देना स्वीकार किया। सखी सेंटर को 3 प्रकरण निगरानी हेतु दिया गया तथा एस.डी.ओ.पी. एक प्रकरण का सुलहनामा करेंगी।
बलौदाबाजार 07 फरवरी 2024 को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक सदस्य डॉ. अनिता रावटे ने आज जिला पंचायत सभा कक्ष बलौदाबाजार में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर में 238वीं एवं जिला स्तर में 6वीं नम्बर की सुनवाई हुई। बलौदाबाजार जिला की आज की सुनवाई में कुल 41 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका अनुपस्थित, आवेदक उपस्थित इस प्रकरण में महिला आयोग के द्वारा आवेदिका एवं उसकी माता एवं उसकी बेटी का डी. एन.ए. टेस्ट कराया गया था जिसमें आई रिपोर्ट के अनुसार संतान जैविक संतान नहीं है। अतः इस प्रकरण का औचित्य, उद्देश्य नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि इसे चारों भाई अनावेदकगणों के द्वारा कोई भी भरण-पोषण नहीं दिया जा रहा है तथा सभी जमीन को आपस में बांट लिए हैं। और आवेदिका को बिलकुल भी सहयोग नहीं करते हैं। अनावेदक क्र. 1 के बेटे ने नेशनल लोक अदालत के आदेश दिनांक 11.09.2021 का प्रति प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार चारों अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका को प्रतिवर्ष 8000 रूपये देना था। जिसे अब तक दो वर्ष में 1 भी किश्त नहीं दिए हैं। जो न्यायालय के आदेश का अवमानना का प्रकरण बनता है। इस स्तर पर अनावेदक 01, 02 और 04 तीनों ने आवेदिका को पिछले 2 वर्ष का बकाया राशि कुल 16000 हजार रूपये दो किश्त में देना स्वीकार किया है। तथा अनावेदक क्र. 3 लोक अदालत के निर्णय मानने से इंकार कर रहा है। जिसके खिलाफ आवेदिका चाहे तो सखी सेंटर के निःशुल्क सहायता से न्यायालय में कार्यवाही करवा सकती है। अनावेदक क्र. 1. 2 एवं 4 द्वारा दो वर्ष का बकाया 16000 हजार रूपये दो किश्तों में अप्रैल 2024 तक प्रति व्यक्ति 16000 रूपये आवेदिका के खाते में जमा करेंगे। तथा अनावेदक 3 इस वर्ष का 10000 रूपये इस वर्ष फरवरी 2024 में जमा करेगा। तथा शेष अनावेदकगण वर्ष 2024 का 10000 रूपये का भुगतान नवम्बर 2024 तक करेंगे तथा इसकी पुरी निगरानी एक वर्ष तक संरक्षण अधिकारी द्वारा किया जायेगा व रिपोर्ट आयोग को भेजी जायेगी। उस रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण भविष्य में नस्तीबद्ध किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसका पति मारपीट करता है, ठीक से भरण पोषण भी नहीं करता इस कारण आवेदिका साथ नहीं रहना चाहती और एक मुश्त भरण पोषण की मांग करते हुए तलाक चाहती है। इस प्रकरण में संरक्षण अधिकारी प्रतिमाह दोनों पक्षों को बुलाकर देखरेख करेगी। फिर भी सुलह न हो तो आपसी राजीनामा के साथ दोनों का एक मुश्त भरण पोषण दिलाकर निःशुल्क तलाक हेतु प्रक्रिया करवायेगी।
अन्य प्रकरण में अनावेदक क्र. 1, 2 व 5 अनुपस्थित। अनावेदक क्र. 1 व 2 में आवेदिका को छोड़ दिया है और आवेदिका को भरण पोषण भी नहीं दे रहे है। सामाज का दबाव डालने के लिए सामाज ने भी छोड़ रखा है शेष अनावेदक जानबूझ कर अनुपस्थित है इन सब की आवश्यक उपस्थिती कराने हेतु प्रकरण को एसडीओपी निधि नाग को दिया गया। वह दो माह के अंदर सभी अनावेदकगणों को बुलाकर आवेदिका के साथ सामाजिक छोड छुट्टी मामले का निराकरण 02 माह के अन्दर करके आयोग को प्रेषित करेंगी। उसके बाद इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। दोनों पक्षों के मध्य डेढ साल से सुलह हो गया है। एक गांव के रहने वाले है भविष्य में सुलह से रहने की बात कही है। दुबारा विवाद की स्थिति हो तो इस प्रकरण के आधार पर अपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा। इस समझाईश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने बताया कि उनकी लगभग 500 वर्ग की दुकान अनावेदक ने किराये से लिया था लेकिन विगत 2007-08 साल से किराया नहीं दिया है और दुकान खाली भी नहीं कर रहा है। लगभग 3 साल से दुकान की छत गिर गया है ऐसा अनावेदक का कथन है। इस प्रकरण में दोनों पक्षों की बातों की जांच करने के लिए तथा स्थल निरीक्षण के लिए सुश्री तुलिका परगनिहा सखी सेंटर तथा सुश्री मंजु तिवारी संरक्षण अधिकारी को नियुक्त किया जाता है। स्थानीय पुलिस बल प्राप्त कर 12 बजे मौके में पंहुचकर दोनों पक्षों की उपस्थित में स्थल निरीक्षण कर फोटोग्राफ भेजेंगे। इस प्रकरण की सुनवाई रायपुर में की जायेगी।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। लगभग 07-08 वर्ष से लगातार अलग रह रहे कुछ दिनों साथ में रह रहे थे। दोनों का साथ रहना संभव नहीं होने के कारण आपसी राजीनामा से तलाक लेना चाहते है। सखी सेंटर में जाकर आपसी राजीनामा से तलाक की प्रक्रिया फाईल कर सकते है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने पूर्व में एक और, पकरण फाईल किया था। जिसमें आवेदिका को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लाने को निदेर्शित किया था। इसके बाद आवेदिका दूबारा प्रकरण लगायी है। अनावेदक के कथन की पुष्टि विभाग के पुराने फाईल का अवलोकन करने के बाद किया जायेगा।