पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ की स्थिति नहीं, बघेल सरकार पूरी तरह है सुरक्षित-बृहस्पत सिंह
छत्तीसगढ़ के 15 विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं . जिससे प्रदेश में सियासी गहमागहमी चरम पर है. इस बीच मीडिया से बातचीत में विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि, हम लोगों का दिल्ली आने का कारण यही है कि हम राहुल गांधी से मुलाकात कर सकें. कोरोना की वजह से दो बार से राहुल गांधी ) छत्तीसगढ़ नहीं आ रहे थे. अब इस सिलसिले में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने आए हैं. लेकिन दिल्ली में न तो राहुल गांधी हैं और न ही पीएल पुनिया ही हैं, ऐसे में मुलाकात करेंगे किससे. हम राहुल गांधी से यही मांग करने आए थे कि वह बस्तर के दौरे पर आ रहे हैं, उस दौरे को थोड़ा बढ़ा दें. पिछली बार राहुल गांधी का आशीर्वाद मिला था, उसके बाद हम लोगों ने और बेहतर काम किया है.
राजनीतिक जानकारों की माने तो 15 विधायकों के दिल्ली दौरे के जरिए सीएम भूपेश बघेल एक बार फिर अपना राजनीतिक प्रदर्शन दिल्ली में साबित करने की कोशिश में थे. जैसा की उन्होंने अगस्त के महीने में किया था. यह आलाकमान के सामने अपनी छवि चमकाने और ये साबित करने की कोशिश भी हो सकती है कि हमारे साथ विधायकों का समर्थन है.
छत्तीसगढ़ में कोई आंतरिक कलह नहीं चल रहा है. भूपेश बघेल सभी वर्गों को लेकर चलने वाले सीएम है. बस्तर के सभी क्षेत्रों में विकास हो रहा है. वहां स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हो रहा है. यहां के बच्चों के लिए सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं. सीएम बघेल हमेशा टीएस सिंहदेव को सरगुजा महाराज बोलते हैं. वह रविंद्र चौबे को रविंद्र भईया बोलते हैं. इसलिए बघेल जी का किसी से कोई मतभेद नहीं हो सकता है.
आपने देखा कि कैसे सिंधिया के साथ मिलकर बीजेपी ने मध्यप्रदेश में सरकार गिराई और अपनी सरकार बनाई. लेकिन ग्वालियर महाराज की तरह सरगुजा के महाराज नहीं करेंगे. टीएस सिंहदेव और सीएम भूपेश बघेल के बीच कोई कटुता नहीं है. हमारे साथ 15 विधायक दिल्ली आए हैं. कुछ और विधायकों के आने की संभावना है. हम राहुल गांधी से मुलाकात करना चाहते हैं. देखिए क्या होता है. राहुल गांधी छत्तीसगढ़ पहुंचेंगे तो उनसे मुलाकात होगी. हम पीएल पुनिया से मुलाकात के बाद वापस लौट जाएंगे. पंजाब जैसी स्थिति छत्तीसगढ़ में नहीं है.
विधायकों के दौरे को राजनीति के चश्मे से न देखें-सीएम बघेल
रमन सिंह के पास कोई काम नहीं- सीएम बघेल
रमन सिंह के पास कोई काम नहीं है. रमन सिंह पार्टी का छोटा चेहरा भी नहीं है. यह खुद डी पुरंदेश्वरी ने कहा है. तो इस बयान से सब समझ लेना चाहिए . कपिल सिब्बल के बयान को सीएम ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. सोनियां गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सबने स्वीकार किया है. उसके बाद नेतृत्व को लेकर सवाल उठाना हास्यास्पद है.