शिवसेना के 37 'बागियों' ने डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिख शिंदे को बताया नेता, शरद पवार बोले- आना पड़ेगा वापस

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट में बागी नेता एकनाथ शिंदे लगातार मजबूत और सीएम उद्धव ठाकरे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. गुरुवार को पूरे दिन चले सियासी उठापटक के बीच देर शाम असम के गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे.

शिवसेना के 37 'बागियों' ने डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिख शिंदे को बताया नेता, शरद पवार बोले- आना पड़ेगा वापस

महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट में बागी नेता एकनाथ शिंदे लगातार मजबूत और सीएम उद्धव ठाकरे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. गुरुवार को पूरे दिन चले सियासी उठापटक के बीच देर शाम असम के गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे. हालांकि, इससे पहले दिन में नरहरि जिरवाल ने कहा था कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है. 

शिंदे ने बृहस्पतिवार शाम को विधानसभा उपाध्यक्ष को शिवसेना के 37 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र भेजा. शिवसेना के ये सभी बागी विधायक शिंदे के साथ गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं. पत्र में यह भी सूचित किया गया कि सुनील प्रभु के स्थान पर शिवसेना विधायक भरत गोगावले को विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है. 

शिंदे ने प्रभु द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के लिए अपने गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी पलटवार करते हुए दावा किया कि व्हिप केवल विधायी कार्यों के लिए लागू होता है. शिंदे ने ट्वीट किया, ‘‘आप किसे धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपकी चालबाजियों को जानते हैं और कानून को भी समझते हैं. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू होता है न कि किसी बैठक के लिए.''

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा. सियासी संकट के बीच पवार ने यह भी कहा कि बीजेपी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है.

पवार ने कहा, 'एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं). एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा.' उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें शिवसेना के भीतर विद्रोह में बीजेपी की भूमिका नजर नहीं आती, पवार ने कहा कि वह अपने भतीजे से सहमत नहीं हैं. शरद पवार ने कहा, ''अजीत पवार ने ऐसा इसलिए कहा होगा, क्योंकि वह महाराष्ट्र के बाहर के बीजेपी नेताओं को नहीं जानते हैं. मैं उन्हें जानता हूं. यहां तक ​​कि एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.''

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे. पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है.

शिवसेना के प्रवक्‍ता और सांसद संजय राउत ने ट्वीट किया है, इसमें उन्‍होंने बागी विधायकों से चर्चा के जरिये मामला सुलझाने की अपील की है. बागी विधायकों को संबोधित इस ट्वीट में कहा गया है, 'चर्चा से मार्ग निकल सकता है. चर्चा हो सकती है. घर के दरवाजे खुले हैं. दर-दर क्यों भटक रहे हो? गुलामी झेलने से अच्छा है स्वाभिमान तरीके से निर्णय लें. जय महाराष्ट्र!'

 कैबिनेट मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद राज्य में मची सियासी उथल-पुथल के बीच शिवसेना ने पार्टी से सभी बागी विधायकों से वापस लौटने की अपील की है.  सांसद संजय राउत ने कहा कि हम महाविकास आघाडी सरकार से खुद को अलग करेंगे पर पहले बागी विधायक गुवाहाटी से मुंबई तो वापस आएं. इससे पहले राउत ने अपने विधायकों से व्हाट्सएप और ट्वीट की जगह आमने-सामने बैठकर बात करने की बात कही थी.

राउत ने कहा, " इन लोगों (टीम शिंदे) की मुंबई आने की हिम्मत नहीं है. यहां पर आकर उन्हें जो कुछ कहना है, वो कहना चाहिए. यहां पर आकर पत्र व्यवहार करना चाहिए. लेकिन ये सभी लोग गुवाहाटी में बैठकर बातें बना रहे हैं. हिम्मत है तो मुंबई वापस आइए. उद्धव ठाकरे के सामने अपनी बात रखें. मुझे पूरा भरोसा है कि आपकी बात सुनी जाएगी. 24 घंटों के अंदर वापस आइए. एमवीए से बाहर निकलने पर करेंगे विचार."

महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार को संकट में डालने वाले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक ‘‘राष्ट्रीय दल'' ने उनकी बगावत को ऐतिहासिक करार देने के साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.

मुंबई में शिंदे के कार्यालय की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें वह गुवाहाटी के एक होटल में शिवसेना के बागी विधायकों को संबोधित कर रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक अपनी ओर से सर्वसम्मति से समूह के नेता के तौर पर शिंदे को आगे के फैसले लेने के लिए अधिकृत कर रहे हैं.