जानिए छत्तीसगढ़ के जिलों का गठन इतिहास
भारत जब अंग्रेजों का आधीन था तब मध्य क्षेत्र पर प्रशासन करने हेतु अलग अलग छोटे छोटे जिलों का निर्माण किया गया। इसी दौरान 1861 में दो जिले अस्तित्व में आए रायपुर और बिलासपुर। इसके बाद 1906 में दुर्ग जिला को बनाया गया फिर जब देश आजाद हुआ मध्य प्रांत मध्यप्रदेश बना तब तीन स्वतंत्र रियासत रायगढ़,सरगुजा और बस्तर छत्तीसगढ़ संभाग में शामिल हुए इसके बाद 1973 में राजनादगांव आया। इसके बाद जब पृथक राज्य बनाने की गतिविधि आगे बढ़ी 1998 में 9 नए जिलों का निर्माण किया गया जिसमे कोरिया,जशपुर,कोरबा, जांजगीर चांपा,कांकेर, दंतेवाडा ,कवर्धा, महासमुंद और धमतरी जिले अस्तित्व में आए और 16 जिलों के साथ छत्तीसगढ़ सन 2000 में नए राज्य के रूप में स्थापित हुआ
फिर लगभग आठ सालों बाद सन 2007 में दो और नए जिले बनाए गए नारायणपुर और बीजापुर।इसके बाद जल्द ही सन 2012 में 9 और जिलों को बनाया गया जिसमे सूरजपुर,बलरामपुर,मुंगेली,बेमेतरा,बालोद, बलौदाबाजार, गरियाबंद,कोंडागांव, सुकमा जिले अस्तित्व में आए। फिर आठ साल बाद सन 2020 में एक और जिला बनाया गया गोरेला - पेंड्रा- मरवाही के रूप में फिर अगले साल 2021 में घोषणा हुई की मोहला-मानपुर- अ.चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाईगढ़ और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर को जिला बनाया जायेगा और अब 2022 में भी घोषणा हुई है को खैरागढ़ को भी जिला बनाया जायेगा इस तरह कुल छत्तीसगढ़ में 33 जिलों का गठन हो जायेगा ।मुख्यमंत्री की तीन और जिले बनाने की योजना है जिससे छत्तीसगढ़ में 36 जिले हो।
कैसा लगा आपको छत्तीसगढ का गठन इतिहास ?हमे कमेंट कर के बताइए आप कौन से जिले से हो?