सुदर्शन पटनायक ने सेब और रेत से बनाया सांता क्लॉज
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक बार फिर इतिहास रच दिया। उन्होंने ओडिशा के पुरी स्थित नीलाद्री बीच पर सेब और रेत से बनी दुनिया की सबसे बड़ी सांता क्लॉज इंस्टॉलेशन तैयार की, जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया ने औपचारिक रूप से मान्यता दी है।
यह भव्य इंस्टॉलेशन 60 फीट लंबा, 22 फीट ऊंचा और 45 फीट चौड़ा है। इसे बनाने में 1.5 टन (1500 किलोग्राम) ताजे सेबों का इस्तेमाल किया गया, जो रेत के साथ मिलाकर एक आकर्षक और पर्यावरण-अनुकूल कलाकृति का रूप लेता है। यह अनोखी कृति 'दुनिया का सबसे बड़ा सेब और रेत से बना सांता क्लॉज इंस्टॉलेशन' के रूप में दर्ज की गई है। कलाकृति में सांता क्लॉज की मुस्कान, लाल सूट और सफेद दाढ़ी को सेबों से सजाया गया है, जो दूर से ही पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित कर रही है। यह न केवल क्रिसमस के उत्सव की भावना को दर्शाती है, बल्कि 'विश्व शांति' और 'मेरी क्रिसमस' का संदेश भी फैलाती है।
सुदर्शन पटनायक ने इस परियोजना को अपने सैंड आर्ट इंस्टीट्यूट के 30 छात्रों के साथ मिलकर पूरा किया। छात्रों की सक्रिय भागीदारी से यह परियोजना युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने का बेहतरीन उदाहरण बनी। पूरा काम 24 दिसंबर 2025 को पूरा हुआ और उसी दिन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया ने प्रमाण पत्र जारी कर इसे आधिकारिक रूप से मान्यता दी। यह कृति 22वें पुरी सैंड आर्ट फेस्टिवल का हिस्सा है, जो 1 जनवरी तक जारी रहेगा।
सुदर्शन पटनायक पिछले कई वर्षों से क्रिसमस पर रेत कला के माध्यम से विभिन्न संदेश फैला रहे हैं। पहले उन्होंने चॉकलेट, प्याज, प्लास्टिक बोतलें और फूलों से सांता क्लॉज की मूर्तियां बनाकर कई रिकॉर्ड बनाए थे। इस बार सेबों का चयन स्थिरता और प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया।
यह उपलब्धि ओडिशा पर्यटन और भारतीय संस्कृति के लिए गौरव का विषय है। हजारों पर्यटक और स्थानीय लोग इस अनोखी कलाकृति को देखने के लिए नीलाद्री बीच पर पहुंच रहे हैं।



