वोट के लिए भुनाया जा रहा 'राम का नाम', 15 सालों में भाजपा ने उनके लिए क्या किया है काम? भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज दोपहर 2 बजे राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय पर 'राम वन गमन पर्यटन परिपथ' तथा माता कौशल्या मंदिर परिसर चंदखुरी के जीर्णोद्धार एवं सौन्दर्यीकरण कार्य के लोकार्पण को लेकर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अलग-अलग जनजातियों की आस्था के केंद्र को संरक्षित करने का कार्य छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. विश्व के पहले कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, जिसकी शुरुआत आज हो रही है. रतनपुर के महामाया से ले कर हर देवी-देवताओं के उपासक यहां हैं.
कोरिया से लेकर बस्तर तक श्री राम के पद चिन्ह मिलते हैं, उन्हीं में से नौ स्थानों को विकसित करने का बीड़ा कांग्रेस ने उठाया है. 136 करोड़ 55 लाख की राशि से चंदखुरी मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है. श्री राम को छत्तीसगढ़ के लोग भांजा मानते हैं. हम भांजा को प्रणाम करते हैं. इसलिए हम भांचा राम कहते हैं. छत्तीसगढ़ में ही रामनामी मिलेंगे, यह हमारी संस्कृति में बसा हुआ है. चाहे भांजा राम हों, बनवासी राम हों या शबरी के राम हों, छत्तीसगढ़ के लोग उन्हें पूजते हैं.
'सगुण और निर्गुण' में भी दिखते हैं राम
चंदखुरी में 3 दिनों का कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. हमने राम को अलग-अलग रूपों में देखा है, सगुण में भी देखा है निर्गुण में भी देखा हैं. प्रेस वार्ता के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 15 साल सत्ता में रहते हुए बीजेपी ने राम को मौत के रूप में देखा है. राम के नाम पर सत्ता पाया, लेकिन कौशल्या माता के लिए कुछ नहीं कर पाए हैं. 15 सालों में बीजेपी केवल राम के नाम की राजनीति की है.