बायोडायवर्सिटी दिवस पर ग्रीन केयर की गुहार बामनसरा के 400 वर्षीय बरगद को अब तो बचा लो सरकार 14 बरस से चीख रहे हैं हम लगातार - डॉ पाणिग्राही
विश्व पर्यावरण दिवस से बायोडिवर्सिट दिवस तक हर वर्ष करते हैं मांग।
बागबाहरा -- अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2024 पर ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया द्वारा बामनसरा के उम्रदराज बरगद के वृक्ष जो कि 400 पुराना तथा जैव विविधता का अनुपम उदाहरण है छत्तीसगढ़ के इस धरोहर को संरक्षित करने , इसे पर्यटन से जोड़ने की मांग की है ।
बामनसरा के विशाल उम्रदराज बरगद वृक्ष को संरक्षित करने के अभियान में जुटे ग्रीन केयर सोसायटी इंडिया के अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही एवम वरिष्ठ सदस्य इतिहासकार डॉ विजय शर्मा ने कहा कि हम निरंतर 14 वर्षों से इस वटवृक्ष को संरक्षित करने लगातार पत्राचार ,चर्चा ,ज्ञापन ,आवेदन देते आ रहे हैं । वर्ष 2010 से कैंपा अधिकारी बी के सिन्हा से प्रारंभ कर वर्ष 2023 तक जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी तक देते आ रहे है । गत वर्ष जैव विविधता दिवस के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम अरण्य भवन रायपुर में तत्कालीन वन मंत्री मोहम्मद अकबर को ज्ञापन देकर आमने सामने चर्चा कर संरक्षित करने की मांग की थी उनके निर्देशानुसार जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी ( अब सेवानिवृत ) ने स्पष्ट कहा । इस दिशा में हम जरूर कार्यवाही करेंगे। किंतु एक वर्ष बाद वही हुआ जो हमेशा होते आया है। डॉ पाणिग्राही ने अत्यंत ही क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के गौरव स्वरूप 400 वर्षीय वट वृक्ष अब दम तोड रहा है। अपने अंदर जैव विविधता को समेटे कभी एक एकड़ प्रक्षेत्र में फैला यह बरगद अब आधा एकड़ के अंदर सिमट गया है। यह देव वृक्ष है जिसके नीचे बस्तरीन माता की स्थापना है। संरक्षण के अभाव में यह विलुप्त न हो जाए ।
डॉ पाणिग्राही ने कहा कि बामनसरा ग्रामवासी भी संरक्षण न होने के कारण भावनात्मक रूप से दुखी हैं । तत्कालीन केम्पा अधिकारी बी के सिन्हा के निर्देशानुसार अपनी भूमि स्वामी जमीन को बरगद संरक्षण के लिए वन विभाग को दान देने वाली मीरगिन बाई परिवार भी ठगा महसूस कर रहा है ।
बामनसरा बरगद संरक्षण समिति , अमूजुरी बिस्वनाथ डायरेक्टर ग्रीन केयर सोसाइटी इंडिया ,ग्रामवासी बामनसरा ने वन मंडलाधिकारी महासमुंद , वन संरक्षक , छत्तीसगढ़ बायोडायवर्सिटी बोर्ड से पुनः मांग की है ,शीघ्र ही सकारात्मक कार्य किए जाएं ।