धान बेचने के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में रजिस्ट्रेशन जरूरी : कलेक्टर

सूरजपुर समय-सीमा की बैठक में आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में पंजीकृत किसानों से भारत सरकार से घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किए जाने के लिए समुचित एवं पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश दिये गए। इसके साथ ही खरीफ वर्ष 2025-26 में किसानों का पंजीकरण एग्रीस्टैक पोर्टल के साथ-साथ एकीकृत किसान पोर्टल में करवाना सुनिश्चित किये जाये इस हेतु कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गए। किसान पंजीकरण का कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने के लिए उन्होंने व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में जिले के सभी ग्राम पंचायतों एवं उनके आश्रित ग्रामों में 02 अक्टूबर से शुरू होने वाली ग्राम सभा के सफल आयोजन को लेकर भी चर्चा की गई। कलेक्टर ने ग्राम सभा में कृषक बंधुओं को एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकरण ,मैनुअल गिरदावरी व डिजिटल क्रॉप सर्वे के सम्बंध में जानकारी देने के निर्देश संबंधितों को दिये। ताकि कृषक बंधु एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकरण के प्रति जागरूक हों, इसके साथ ही यदि किसी कृषक बंधु को मैनुअल गिरदावरी या डिजिटल क्रॉप सर्वे पर आपत्ति है तो उससे आवेदन प्राप्त कर फिजिकल इन्स्पेकन एंड्रॉयड एप्प से वस्तुस्थिति को क्रॉस वेरिफिकेशन कराया जा सके।
विपणन वर्ष 2025-26 हेतु धान उपार्जन के संबंध में राज्य शासन द्वारा भारत सरकार के एग्रीस्टेक पोर्टल के पंजीकृत कृषको को आधार मानकर धान खरीदी का निर्णय लिया है। पूर्व वर्ष 2024-25 तक एकीकृत किसान पंजीयन पोर्टल में पंजीकृत किसानों के इस वर्ष धान खरीदी हेतु कैरीफार्वड करने का कार्य सभी धान उपार्जन की समितियों में किया जा रहा है।
जिसमें वही किसान जो एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीकृत है केवल उन्हीं का पंजीयन इस वर्ष हेतु मान्य किया गया है। वर्तमान में जिला सूरजपुर अंतर्गत कुल धान विक्रेता कृषक 59052 के लक्ष्य के अनुसार 47354 कृषकों का एकीकृत किसान पोर्टल में कैरीफार्वड कर दिया गया है। शेष 11698 कृषकों का पंजीयन किया जाना शेष है। उपरोक्त कैरीफार्वड की प्रक्रिया हेतु अंतिम तिथि 30 अक्टूबर 2025 निर्धारित है।
उपरोक्त कार्य की पूर्णता हेतु सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन छ. ग. शासन द्वारा निरंतर निगरानी एवं समीक्षा किया जा रहा है। कृषकों के एग्रीस्टेक पंजीयन में आने वाली समस्याओं का निराकरण पूर्ण कर लिया गया है। राजस्व अभिलेखों में संयुक्त खातेदार, नगरीय क्षेत्र में पंजीयन, वन अधिकारों की मान्यता पत्रक, इत्यादि सभी समस्याओं का निराकरण कर लिया गया है।
एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन हेतु कृषकों को किसी भी नजदीकि सी. एस.सी./नागरिक सेवा केन्द्र में जाकर आधार कार्ड एवं राजस्व अभिलेख बी-1, खसरा एवं मोबाईल के साथ पंजीयन कराना होता है। जिसके पश्चात् राजस्व विभाग द्वारा सत्यापन एवं अनुमोदन का कार्य किया जाता है, उपरोक्त पंजीयन के समय कृषक को ध्यान रखना चाहिए कि उसके राजस्व अभिलेख के खाता में दर्ज समस्त भूमियों का मिलान कर प्रविष्टि एग्रीस्टेक पोर्टल में की गई है। उपरोक्त भूमियों के एग्रीस्टेक पोर्टल में अपंजीयन की स्थिति में धान उपार्जन समितियों में धान विक्रय से वंचित हो सकते है।
जिला सूरजपुर में समस्त 54 समितियों एवं 1072 सी.एस.सी. / नागरिक सेवा केन्द्र के माध्यम से एग्रस्टेक पोर्टल में पंजीयन का शतत् कार्य किया जा रहा है। उपरोक्त पंजीयन की सेवा निःशुल्क है, उपरोक्त पंजीयन में सहायता हेतु जिला प्रशासन की ओर से समस्त तहसीलों में पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों, कृषि विस्तार अधिकारियों एवं खाद्य निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से निरंतर सभी कृषकों को आग्रह किया जा रहा है कि उपरोक्त पंजीयन कार्य में रूचि पूर्वक सहयोग करें एवं अंतिम समय के भाग-दौड़ एवं अनावश्यक परेशानियों से बचें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री विजेन्द्र सिंह पाटले, अपर कलेक्टर श्री जगन्नाथ वर्मा, सर्व एसडीएम व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।