'मेरे जाने से BJP में भूचाल, फिलहाल सपा में नहीं जा रहा' : 14 तारीख को 'पत्ते' खोलेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री का पद छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे जाने से बीजेपी में भूचाल आ गया है. केशव प्रसाद मौर्य जी को मुझे मनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है.
यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Polls 2022) से पहले योगी सरकार से इस्तीफा देने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बीजेपी में लौटने की संभावनाओं को पूरी तरह से आज खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी को ठोकर मार दी है, दोबारा वापस जाने का सवाल ही नहीं होता. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) में जाने की अटकलों के बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं समर्थकों से बात करके 14 तारीख को अपनी योजना के बारे में बताऊंगा.
योगी कैबिनेट से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, "मैंने अभी सिर्फ़ मंत्री पद छोड़ा है. जल्द ही बीजेपी भी छोड़ दूंगा. अखिलेश यादव ने मुझे बधाई दी है. फिलहाल, मैं सपा में नहीं जा रहा हूं. मैं आज और कल अपने लोगों से बात करूंगा. मैं 14 तारीख़ को बताऊंगा कि मैं राजनीतिक तौर पर क्या करूंगा." मौर्य ने कहा, "मैंने बीजेपी को ठोकर मार दी है, दोबारा वापस जाने का सवाल ही नहीं है."
मंत्री पद छोड़ने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मेरे जाने से बीजेपी में भूचाल आ गया है. केशव प्रसाद मौर्य जी को मुझे मनाने की ज़िम्मेदारी दी गई है. केशव मौर्य मेरे छोटे भाई हैं, पर 5 साल से वो भी बेचारे ही हैं. मेरे साथ अभी मंत्री भी आएंगे और विधायक भी. मेरा जो फ़ैसला होगा और कौन मेरे साथ आएगा वो सब 14 तारीख़ को बताऊंगा. मेरी बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से सांसद हैं, वो अपना फ़ैसला ख़ुद लेंगी.
4 विधायकों ने BJP से तोड़ा नाता
मौर्य के अलावा चार और विधायकों ने भी बीजेपी छोड़ने का फैसला किया. इनमें बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति, शाहजहांपुर जिले के तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशन लाल वर्मा, कानपुर देहात के बिल्हौर सीट से विधायक भगवती सागर और विनय शाक्य शामिल हैं.
इस वजह से दिया इस्तीफा
राज्यपाल को संबोधित त्यागपत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहते हुए पूरे मनोयोग से उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है. दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों और छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं.''